One Nation, One Election के प्रस्ताव पर होगी चर्चा की शुरूआत, 8 जनवरी को संसदीय समिति की पहली बैठक

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ANI
अंकित सिंह । Dec 24 2024 12:18PM

संसदीय सूत्रों के अनुसार, भाजपा सदस्य पीपी चौधरी की अध्यक्षता में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के एक साथ चुनाव के विधेयकों पर संयुक्त समिति की पहली बैठक एक परिचयात्मक बैठक होने की संभावना है, जिसमें अधिकारी दोनों विधेयकों पर पैनल को जानकारी देंगे।

'एक देश-एक चुनाव' पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक 8 जनवरी 2025 को होनी है। यह भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की इस प्रमुख चुनाव सुधार पहल पर राष्ट्रव्यापी चर्चा की शुरुआत का प्रतीक होगा। संसदीय सूत्रों के अनुसार, भाजपा सदस्य पीपी चौधरी की अध्यक्षता में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के एक साथ चुनाव के विधेयकों पर संयुक्त समिति की पहली बैठक एक परिचयात्मक बैठक होने की संभावना है, जिसमें अधिकारी दोनों विधेयकों पर पैनल को जानकारी देंगे। भाजपा के लंबे समय से प्रतीक्षित चुनावी वादे को लागू करें।

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पैनल में लोकसभा से 27 और राज्यसभा से 12 सदस्य हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और सांसद पीपी चौधरी को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। लोकसभा के सदस्यों में सीएम रमेश, बांसुरी स्वराज, परषोत्तम रूपाला, अनुराग सिंह ठाकुर, विष्णु दयाल राम, भर्तृहरि महताब, संबित पात्रा, अनिल बलूनी, विष्णु दत्त शर्मा, बैजयंत पांडा, संजय जयसवाल, प्रियंका गांधी वाद्रा, मनीष तिवारी, सुखदेव भगत, धर्मेंद्र यादव, छोटेलाल, कल्याण बनर्जी, टीएम सेल्वगणपति, जीएम हरीश बालयोगी, अनिल यशवंत देसाई, सुप्रिया सुले, श्रीकांत एकनाथ शिंदे, शांभवी चौधरी, के राधाकृष्णन, चंदन चौहान और बालाशोवरी वल्लभनेनी शामिल हैं।

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राज्यसभा के जिन सदस्यों को इसमें शामिल किया गया है उनमें घनश्याम तिवारी, भुवनेश्वर कलिता, के लक्ष्मण, कविता पाटीदार, संजय कुमार झा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल बालकृष्ण वासनिक, साकेत गोखले, पी विल्सन, संजय सिंह, मानस रंजन मंगराज और वी विजयसाई रेड्डी शामिल हैं। एक साथ चुनाव के संबंध में संवैधानिक (129वां संशोधन) विधेयक पिछले सप्ताह संसद में पहली बार ई-वोटिंग के बाद लोकसभा में पेश किया गया था। परिचय का प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया। प्रस्ताव के पक्ष में कुल 269 वोट पड़े जबकि विरोध में 198 वोट पड़े। शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को यह बिल संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा गया।

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