अर्थव्यवस्था पर प्रधानमंत्री के दावे हकीकत से दूर, तत्काल कदम उठाने की जरूरत: कांग्रेस
आनंद शर्मा ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति के दोहरे अंक में पहुंचने तथा जीएसटी एवं कर संग्रह कम होने के कारण अगले वर्ष हमें गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अर्थव्यवस्था को लेकर दावे हकीकत से दूर हैं और इस मुद्दे पर वह इंकार की मुद्रा में हैं, जबकि सुधार के लिये त्वरित कदम उठाने की जरूरत है। कांग्रेस ने उन्हें अर्थव्यवस्था पर बहस करने की चुनौती भी दी। एसोचैम के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था काफी खराब स्थिति में है और इसे संभालने के लिये अगर तत्काल कदम नहीं उठाये गए, तो अगले वर्ष तक गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने कहा कि देश में जारी विरोध प्रदर्शन सरकार द्वारा सृजित है, क्योंकि वह विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ा रही है।
वित्त मंत्री महोदया,
— Congress (@INCIndia) December 20, 2019
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उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून को खत्म करने की मांग की क्योंकि यह लोगों को स्वीकार्य नहीं है और वे देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। शर्मा ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री द्वारा इस प्रकार की बड़ी-बड़ी बातें और खोखले वादे... सच्चाई से काफी दूर हैं। प्रधानमंत्री इंकार की मुद्रा में बने हुए हैं और वे 5000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था के सपने बेचने में लगे हैं, जिसके लिये अगले पांच वर्ष तक दोहरे अंकों की विकास दर की जरूरत होगी।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, “प्रधानमंत्री को इस तरह के बड़े-बड़े दावे नहीं करने चाहिए, जो जमीनी हकीकम से परे हो। उन्हें गंभीर होना चाहिए और अर्थव्यवस्था के पोषण, रोजगार सृजन तथा फैक्टरी के उत्पादन को बढ़ाने के लिये त्वरित कदम उठाना चाहिए।”
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आनंद शर्मा ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति के दोहरे अंक में पहुंचने तथा जीएसटी एवं कर संग्रह कम होने के कारण अगले वर्ष हमें गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है। इससे पहले एसोचैम के 100वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में मौजूदा आर्थिक सुस्ती के दौर जैसी कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलने की क्षमता है और भारत फिर से मजबूती के साथ उच्च आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर लौटेगा। उन्होंने उद्योगपतियों से आगे बढ़कर निवेश के लिये कदम उठाने का आह्वान किया और कहा कि भारत को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य हासिल करना संभव है। प्रधानमंत्री ने देश के आर्थिक हालात को लेकर सरकार की आलोचना करने वालों पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के समय कई तिमाही ऐसी रहीं हैं, जब अर्थव्यवस्था की हालात बहुत खराब थी।
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