आरएसएस के शताब्दी वर्ष का प्राथमिक लक्ष्य अनुशासित, मजबूत हिंदू समाज बनाना: भागवत
एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आरएसएस प्रमुख ने शताब्दी वर्ष के मद्देनजर विस्तार और एकीकरण की योजनाओं पर सभी जिला व क्षेत्रीय प्रचारकों के साथ विस्तारपूर्वक चर्चा की।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि संगठन के शताब्दी वर्ष का प्राथमिक लक्ष्य अनुशासित व मजबूत हिंदू समाज बनाना है।
भागवत राजस्थान के बारां जिले की अपनी चार दिवसीय यात्रा की शुरूआत करते हुए धर्मादा धर्मशाला में आरएसएस के सभी क्षेत्रीय सदस्यों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आरएसएस प्रमुख ने शताब्दी वर्ष के मद्देनजर विस्तार और एकीकरण की योजनाओं पर सभी जिला व क्षेत्रीय प्रचारकों के साथ विस्तारपूर्वक चर्चा की।
संघ के बारां संभाग के प्रमुख रमेश चंद्र मेहता ने विज्ञप्ति में कहा कि भागवत ने जोर देकर कहा कि शताब्दी वर्ष को उत्सव के रूप में नहीं मनाया जाना चाहिए, बल्कि इसका उद्देश्य संगठन के संस्थापक द्वारा देखे गए एक संगठित, मजबूत और अनुशासित हिंदू समाज के सपने को साकार करना होना चाहिए। अगले साल आरएसएस की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे।
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