राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का संबोधन 130 करोड़ भारतीयों की भावना के अनुरूप: PM मोदी

PM Modi

74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि भारत की आस्था शांति में है लेकिन किसी भी आक्रामक प्रयास का वह मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।

नयी दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संबोधन की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि यह 130 करोड़ भारतीयों की भावना के अनुरूप है और मजबूत, समृद्ध और एकजुट भारतीय राष्ट्र के भविष्य की राह उल्लेखित करता है। राष्ट्रपति के संबोधन के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति जी द्वारा गहरी दृष्टि वाला दिया गया संबोधन। उनका संबोधन 130 करोड़ भारतीयों की भावना के अनुरूप है और मजबूत, समृद्ध और एकजुट भारतीय राष्ट्र के भविष्य की राह उल्लेखित करता है।’’ 74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि भारत की आस्था शांति में है लेकिन किसी भी आक्रामक प्रयास का वह मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। 

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उन्होंने कहा, ‘‘आज जब विश्व समुदाय के समक्ष आई सबसे बड़ी चुनौती (कोविड-19) से एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है, तब हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया।’’ पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में बलिदान देने वाले सशस्त्र बलों के जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कोविंद ने कहा कि उनके शौर्य ने यह दिखा दिया है कि हमारी आस्था शांति में होने पर भी, कोई अशांति उत्पन्न करने की कोशिश करेगा तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीमाओं की रक्षा करते हुए, हमारे बहादुर जवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। भारत माता के वे सपूत, राष्ट्र गौरव के लिए ही जिए और उसी के लिए मर मिटे। पूरा देश गलवान घाटी के शहीदों को नमन करता है। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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