राजनीतिक दलों ने पश्चिम बंगाल में चुनाव संबंधी हिंसा में लोगों की मौत की निंदा की

West Bengal
ANI

पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए शनिवार को मतदान जारी है और राज्य में शुक्रवार रात से लेकर अब तक हुई चुनाव संबंधी हिंसा में नौ लोग मारे गए हैं। सभी पार्टियों ने एक सुर में चुनाव संबंधी हिंसा में लोगों की मौत की निंदा की है।

कोलकात। पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए शनिवार को मतदान जारी है और राज्य में शुक्रवार रात से लेकर अब तक हुई चुनाव संबंधी हिंसा में नौ लोग मारे गए हैं। सभी पार्टियों ने एक सुर में चुनाव संबंधी हिंसा में लोगों की मौत की निंदा की है। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं की।

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चुनाव संबंधी हिंसा में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पांच समर्थकों की मौत हुई है। पार्टी ने केंद्रीय बलों की अनुपस्थिति को लेकर सवाल किया, जिन्हें चुनाव के लिए लाया गया था। राज्य के मंत्री शशि पांजा ने पूछा, ‘‘बीती रात से चौंकाने वाली घटनाओं की सूचना मिल रही है। भाजपा, माकपा और कांग्रेस ने साठगांठ की थी और केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की थी। आखिर वे कहां तैनात हैं? तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है। केंद्रीय बल कहां हैं?’’ माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने दावा किया, ‘‘हथियारों का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है और इन सभी घटनाओं के पीछे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का हाथ है।

उन्होंने चुनाव के दिन व्यवधान पैदा करने और मतपेटियों की लूट के इरादे से पहले ही इसकी साजिश रच ली थी। लेकिन मुझे यह देखकर खुशी है कि कुछ जगहों पर लोगों ने इसका विरोध किया।’’ चक्रवर्ती ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं यह देखकर हैरान हूं कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं की गई। ऐसा लगता है कि कुछ समझौता हुआ है... यह पूरी तरह से अदालत के आदेश का उल्लंघन है।’’

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संपर्क किए जाने पर भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने दावा किया कि एसईसी राज्य की तृणमूल कांग्रेस नीत सरकार के निर्देश पर काम कर रहा है और वह कर्तव्य निर्वहन में पूरी तरह से नाकाम रहा है। सिन्हा ने कहा, ‘‘वे आज जिस तरह से मतदान करा रहे हैं, उससे यह स्पष्ट है। कई मतदान केंद्रों पर कोई केंद्रीय बल नहीं है, जबकि कुछ मतदान केंद्रों पर राज्य पुलिस भी नदारद है। मुझे तस्वीरें और वीडियो भी मिले हैं, जहां सीसीटीवी कैमरे तारों से जुड़े नहीं दिख रहे थे। इससे वास्तव में उपद्रवियों को हिंसा करने में मदद मिली।’’ पश्चिम बंगाल में शनिवार सुबह सात बजे मतदान शुरू होने से पहले शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात को हुई झड़पों में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य की चुनाव संबंधी हिंसा में जान चली गई। कांग्रेस नेता कौस्तव बागची ने कहा कि उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को एक अभ्यावेदन देकर उस याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया है, जिसमें पश्चिम बंगाल में शनिवार को हो रहे पंचायत चुनावों को हिंसा एवं हत्या की घटनाओं के कारण अमान्य घोषित करने का आग्रह किया गया है।

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