Police Options to stop Farmer Protest | प्रदर्शन जब उग्र रूप धारण कर ले तो पुलिस के पास क्या विकल्प? | No Filter
रील लाइफ से निकलकर रियल लाइफ में हमने सोचा कि क्यों न आज ऐसे शख्स से बात की जाए जिसने सिविल सर्विसेज की परीक्षा देकर 1995 से 2003 तक दिल्ली के अलग-अलग जिलों में बतौर डीसीपी काम किया।
बॉलीवुड की फिल्मों में आप देखते हैं टाइट फिटिंग की हाफ बाजू वाली शर्ट में मसल्स दिखाते सुपरकॉप अवतार में सिंघम, सिंबा, दबंग मोटरसाइकिल से रौबिले अंदाज में उतरते हैं और आंखों से ब्लैक सन ग्लास को हटाते हुए विलने को घूरते हैं। एक पंच में 10-10 बदमाशों को ढेर करते नजर आते हैं। लेकिन रील लाइफ से निकलकर रियल लाइफ में हमने सोचा कि क्यों न आज ऐसे शख्स से बात की जाए जिसने सिविल सर्विसेज की परीक्षा देकर 1995 से 2003 तक दिल्ली के अलग-अलग जिलों में बतौर डीसीपी काम किया। वहीं 2003 में प्रसार भारती में डिप्टी डायरेक्टर जनरल, दिल्ली सरकार के इंफारमेशन पब्लिसिटी विभाग में डायरेक्टर और स्पेशल सेक्रेटरी का पद भी संभाला 2010 में कामनवेल्थ खेल में अतिरिक्त डायरेक्टर जनरल पद पर नियुक्त रहने के बाद 2011 में वॉलेंट्री रिटायरमेंट ले ली। ऐसे में पुलिस की चुनौतियां, ट्रिकी केस को सॉल्व करने के तरीकों पर हम पूर्व आईपीएस अधिकारी उदय सहाय से बात करेंगे।
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प्रश्न: जब भी बहुत ज्यादा भीड़ होती है, जहां लाखों-हजारों लोगों की मौजूदगी होती है। ऐसी परिस्थितियों में कुछ भी गलत होने की बहुत संभावनाएं होती हैं। उसको पुलिस मैनेज कैसे करती है। उसके पीछे क्या थॉट प्रोसेस होती है। क्या सिस्टम होती है और उसे ऑर्गनाइज कैसे किया जाता है। अगर कुछ चूक हो जाए तो उसे मैनेज कैसे किया जाता है।
उत्तर: अभी दिल्ली में जो किसान आंदोलन चल रहा है। यूपी और हरियाणा के तीनों बॉर्डर पर यूपी, हरियाणा और दिल्ली पुलिस की मेजर डिप्लॉयमेंट लगी हुई है। आशंकाओं और पुराने उदाहरणों को मद्देनजर रखते हुए लॉ एंड ऑर्डर की तैयारी भी उसी तरह हुई है। लॉ एंड ऑर्डर चीज क्या है इसे समझने की जरूरत है। पुलिस तीन चीजों को अमूमन हैंडल करती है।
क्राइम- आईपीसी और लोकल स्पेशल लॉ में लिस्टेड है। मर्डर, डकैती, रॉबरी जैसी क्राइम की अलग अलग कैटेगरी है। इन्हें डील करने का तरीका है। हम इंवेस्टिगेशन के माध्यम से इन्हें खोलते हैं। उस रास्ते में घुसने के दो तरीके होते हैं। पहला तो जहां क्राइम अगेनेस्ट बॉडी होता है। वहां हम स्पॉट पर जाकर उसे अनरायवल करने की कोशिश करते हैं। इसिलिए उसे क्राइम टू क्रिमिनल कहा जाता है। यानी क्राइम के स्पॉट से क्रिमिनल तक पहुंचने की प्रक्रिया होती है। उससे अलग दूसरा ऑर्गनाइज क्राइम है। उसमें क्रिमिनल टू क्राइम एक गैंग पकड़ते हैं। गैंग से कई केस खुलते हैं।
लॉ एंड ऑर्डर- हालिया दिनों में आपने देखा जो प्रदर्शन हो रहे हैं, वो इसका सबसे ताजा उदाहरण है। लेकिन जब लॉ एंड ऑर्डर सिचुएशन जब बड़े पैमाने पर चला जाता है तो उसे पब्लिक ऑर्डर कहा जाता है।
पब्लिक ऑर्डर- इससे डील करने के तरीके हैं कि हम रिजनेबुल यू ऑफ फोर्स का इस्तेमाल कर व्यवधान पैदा करें, जिससे ये नियंत्रित हो।
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