नए संसद भवन की छत पर बने अशोक स्तंभ के अनावरण को ओवैसी ने बताया गलत, बोले- PMO ने सभी संवैधानिक नियमों का किया उल्लंघन
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि संविधान संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग करता है। सरकार के प्रमुख होने के नाते प्रधानमंत्री को नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था। लोकसभा का अध्यक्ष निचली सदन का प्रतिनिधित्व करता है जो सरकार के अधीनस्थ नहीं है।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक का सोमवार को अनावरण किया। ऐसे में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहे। इसी बीच ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर सवाल खड़े किए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के माध्यम से सभी संवैधानिक मानदंडों के उल्लंघन का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि संविधान संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग करता है। सरकार के प्रमुख होने के नाते प्रधानमंत्री को नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था। लोकसभा का अध्यक्ष LS का प्रतिनिधित्व करता है जो सरकार के अधीनस्थ नहीं है। प्रधानमंत्री ने सभी संवैधानिक नियमों का उल्लंघन किया है।
कितनी है अशोक स्तंभ की ऊंचाई ?
आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में नए संसद भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। जिसकी छत पर बने 20 फीट से ऊंचे अशोक स्तंभ का अनावरण किया गया। अधिकारियों ने बताया कि कांस्य का बना यह प्रतीक 9,500 किलो वजनी है और इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है। उन्होंने कहा कि यह इस साल के आखिर में नए संसद भवन में कामकाज शुरू होने से पूर्व पहला बड़ा मील का पत्थर है।
अधिकारियों के मुताबिक नए संसद भवन की छत पर अशोक स्तंभ को स्थापित करने की प्रक्रिया क्ले मॉडलिंग और कम्प्यूटर ग्राफिक्स से लेकर कांस्य की ढलाई और पॉलिश तक 8 विभिन्न स्तरों से गुजरी है। प्रधानमंत्री ने निर्माण स्थल पर एक धार्मिक कार्यक्रम में भी भाग लिया। प्रधानमंत्री ने इस दौरान संसद भवन के निर्माण कार्य में लगे मजदूरों से भी बातचीत की और उनसे कहा कि उन्हें अपने काम पर गर्व होना चाहिए।
Constitution separates powers of parliament, govt & judiciary. As head of govt, @PMOIndia shouldn’t have unveiled the national emblem atop new parliament building. Speaker of Lok Sabha represents LS which isn’t subordinate to govt. @PMOIndia has violated all constitutional norms pic.twitter.com/kiuZ9IXyiv
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 11, 2022
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