पैगंबर विवाद के बाद पहली बार UAE की यात्रा पर PM मोदी, पहला इस्लामिक देश जिसने भारत के साथ किया फ्री ट्रेड एग्रीमेंट
यूएई के नए राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक के रूप में चुने जाने के बाद से महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहान के साथ यह प्रधान मंत्री की पहली मुलाकात होगी।
जर्मनी के म्यूनिख में G7 शिखर सम्मेलन के समापन के बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को संयुक्त अरब अमीरात की एक दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएम मोदी वैश्विक चुनौतियों के स्थायी समाधान पर दो दिनों की चर्चा के लिए जर्मनी की अपनी यात्रा को समाप्त कर अब नई दिल्ली पहुंचने से पहले एक संक्षिप्त ठहराव के लिए अबू धाबी के लिए रवाना हुए। पीएम मोदी 28 जून को संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ बैठक करेंगे। एई के पूर्व राष्ट्रपति और अबू धाबी शासक हिज हाइनेस शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के निधन पर अपनी व्यक्तिगत संवेदना भी व्यक्त करूंगा। शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान का 13 मई को लंबी बीमारी के बाद 73 साल की उम्र में निधन हो गया।
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यूएई के नए राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक के रूप में चुने जाने के बाद से महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहान के साथ यह प्रधान मंत्री की पहली मुलाकात होगी। यह यात्रा भाजपा के एक प्रवक्ता द्वारा पैगंबर मुहम्मद के बारे में की गई टिप्पणी के विवाद के बाद हो रही है। यूएई ने भी एक बयान जारी कर मामले को लेकर चिंता जताई थी। ये पूछे जाने पर कि क्या नेताओं की बैठक में यह मुद्दा उठेगा या नहीं, भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्र ने कहा, "लगभग सभी पश्चिम एशियाई देशों को इस मुद्दे पर भारत की स्थिति की स्पष्ट समझ है। पीएम मोदी दो मुख्य एजेंडा के लिए यूएई के दौरे पर हैं। यूएई के शासक के निधन पर शोक व्यक्त करने और नए राष्ट्रपति से मिलने के लिए।
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संयुक्त अरब अमीरात खाड़ी देशों में भारत के प्रमुख रणनीतिक साझेदारों में से एक है जो हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है। यूएई एकमात्र ऐसा इस्लामिक देश है, जिसने भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किया है। आर्थिक मोर्चे पर, भारत ने कोविड के बाद की आर्थिक सुधार योजना को चैनलाइज़ करने के लिए भारतीयों को फिर से काम पर रखने पर जोर दिया है। विदेश मंत्री डॉ जयशंकर की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा इस पर भी गौर करने के लिए थी। फरवरी में शेख मोहम्मद और पीएम मोदी द्वारा एक आभासी शिखर सम्मेलन के दौरान व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते हस्ताक्षर किए गए थे। इसके बाद भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच मुक्त व्यापार समझौता 1 मई से प्रभाव में आ गया।
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