पीएम मोदी ने की राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन और आठ परियोजनाओं की समीक्षा
प्रधानमंत्री मोदी ने 59,900 करोड़ रुपये की आठ परियोजनाओं की समीक्षा की है।इन आठ परियोजनाओं में रेल मंत्रालय, पेट्रोलियम मंत्रालय और सड़क परिवहन मंत्रालय की दो-दो परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा ऊर्जा मंत्रालय और जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा पुनरुद्धार विभाग की एक-एक परियोजना शामिल है।
नयी दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘प्रगति’ बैठक के दौरान 14 राज्यों से संबंधित 59,900 करोड़ रुपये से ज्यादा की आठ परियोजनाओं की समीक्षा की। मोदी ने आईसीटी आधारित बहुविध मंच ‘प्रगति’ की 40वीं बैठक की अध्यक्षता की जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें शामिल हैं।
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प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक में नौ एजेंडा बिंदुओं की समीक्षा की गई जिनमें आठ परियोजनाएं और एक कार्यक्रम शामिल है। इन आठ परियोजनाओं में रेल मंत्रालय, पेट्रोलियम मंत्रालय और सड़क परिवहन मंत्रालय की दो-दो परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा ऊर्जा मंत्रालय और जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा पुनरुद्धार विभाग की एक-एक परियोजना शामिल है। ये परियोजनाएं महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, ओडिशा, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और झारखंड से संबंधित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सड़क और रेलवे जैसे अवसंरचना क्षेत्र में काम करने वाली एजेंसियां अमृत सरोवर के तहत विकसित किए जा रहे जल निकायों के साथ अपनी परियोजनाओं का नक्शा तैयार करें। प्रधानमंत्री ने इस संवाद में राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन की भी समीक्षा की।
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विज्ञप्ति के अनुसार मार्ग का अधिकार (आरओडब्ल्यू) आवेदनों का समय पर निपटान सुनिश्चित करने के लिए राज्यों और एजेंसियों को केंद्रीयकृत गति शक्ति संचार पोर्टल का लाभ उठाने के लिए सुझाव दिया गया था। इससे मिशन के क्रियान्वयन में तेजी आएगी। इसके साथ ही उन्हें आम लोगों के लिए जीवन यापन में सुगमता को बढ़ाने के सन्दर्भ में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए काम करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य भी पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप राज्य स्तरीय गतिशक्ति मास्टर प्लान तैयार कर सकते हैं और इस उद्देश्य के लिए राज्य स्तरीय इकाइयों का गठन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह बेहतर योजना बनाने, प्रमुख मुद्दों की पहचान करने और उनका समाधान करने तथा परियोजनाओं के समय पर निष्पादन के लिए बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने में काफी मददगार साबित हो सकता है।
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