PM मोदी को मिला नीतीश का साथ, बोले- कुछ दिन बाद परिवारिक पार्टियों का बचे रहना संभव नहीं
नीतीश ने यह भी कहा कि आज कई दल इस राह पर चल रहे हैं। भले ही यह दल कुछ दिनों के लिए बच जाएं लेकिन कुछ समय बाद उनका बचे रहना संभव नहीं है।
संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए संसद भवन के सेंट्रल हॉल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवारिक पार्टियों पर जमकर प्रहार किया। इसके बाद कई दलों ने मोदी और भाजपा के खिलाफ हमलावर होकर अपनी राय रखी। इन सबके बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर सहमति जताई है। नीतीश कुमार ने कहा कि आज के समय परिवारिक पार्टियों का कुछ मतलब है क्या?
इसके साथ ही नीतीश ने यह भी कहा कि आज कई दल इस राह पर चल रहे हैं। भले ही यह दल कुछ दिनों के लिए बच जाएं लेकिन कुछ समय बाद उनका बचे रहना संभव नहीं है। इसके साथ ही नीतीश ने यह भी कहा कि आजकल लोग खुद को, खुद के परिवार को और बाल-बच्चे को भी जहां पहुंचाते हैं, उसका कोई मतलब है क्या? राजनीति से इसका कोई संबंध नहीं होना चाहिए। लेकिन कई दल इसी रास्ते पर चल रहे हैं। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार ने सीधे-सीधे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर तीखा हमला बोला है।Some parties have gone into dynastic politics...even if they are doing well now, their survival will not be possible after some time: Bihar CM Nitish Kumar after PM Modi slams dynastic politics during Constitution Day event at the Parliament pic.twitter.com/C1h5hNenN1
— ANI (@ANI) November 26, 2021
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मोदी का बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस के अवसर पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि जो राजनीतिक दल अपना लोकतांत्रिक चरित्र खो चुके हैं, वह लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने पारिवारिक पार्टियों को संविधान के प्रति समर्पित राजनीतिक दलों के लिए चिंता का विषय बताया। उन्होंने कहा, ‘‘देश में एक संवैधानिक लोकतांत्रिक परंपरा है और इसमें राजनीतिक दलों का अपना एक महत्व है। राजनीतिक दल भी हमारे संविधान की भावनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का एक प्रमुख माध्यम हैं, लेकिन संविधान की भावना को चोट तब पहुंचती है, जब राजनीतिक दल अपना लोकतांत्रिक चरित्र खो देते हैं।’’ उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जो दल स्वयं लोकतांत्रिक चरित्र खो चुके हो, वह लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं?
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