क्या होगी किसान आंदोलन की रूपरेखा ? टिकैत बोले- SKM की बैठक में होगा फैसला, सरकार के पास संसद सत्र तक का समय
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक संसद का सत्र चलेगा तब तक सरकार के पास सोचने और समझने का समय है। आगे आंदोलन कैसे चलाना है उसका फ़ैसला हम संसद चलने पर लेंगे। आंदोलन की रूपरेखा क्या होगी उसका फ़ैसला भी 27 नवंबर को हाने वाली संयुक्त किसान मौर्चा की बैठक में होगा।
नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के प्रदर्शन के एक साल पूरा होने के मौके पर शुक्रवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित गाजीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर में भारी संख्या में किसान एकत्र हुए। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून किसानों का अधिकार है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि एक साल का लम्बा संघर्ष बेमिसाल, थोड़ी खुशी थोड़ा गम, लड़ रहे है जीत रहे है, लड़ेंगे जीतेंगे, न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून किसानों का अधिकार।
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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, किसान नेता ने कहा कि जब तक संसद का सत्र चलेगा तब तक सरकार के पास सोचने और समझने का समय है। आगे आंदोलन कैसे चलाना है उसका फ़ैसला हम संसद चलने पर लेंगे। आंदोलन की रूपरेखा क्या होगी उसका फ़ैसला भी 27 नवंबर को हाने वाली संयुक्त किसान मौर्चा की बैठक में होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राकेश टिकैत ने साफ कर दिया कि किसान आंदोलन को समाप्त करने की अभी कोई योजना नहीं है। किसान नेता ने कहा कि एमएसपी पर गारंटी कानून लाना ही पड़ेगा। वहीं दूसरी तरफ बहादुरगढ़ में किसान महापंचायत का आयोजन हुआ।
Haryana | Farmers hold 'Kisan Mahapanchayat' on the first anniversary of protests against the three farm laws at Bahadurgarh pic.twitter.com/XFb9zWqst1
— ANI (@ANI) November 26, 2021
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ट्रैफिक परामर्श हुआ जारी
दिल्ली ट्रैफिकपुलिस ने ट्वीट किया कि गाजीपुर अंडरपास के चौराहे पर स्थानीय पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधकों के कारण गाजियाबाद से दिल्ली की ओर वाहनों की आवाजाही धीमी रहने वाली है। यात्रियों को वैकल्पिक विकास मार्ग - जीटी रोड से दिल्ली जाने की सलाह दी जाती है। किसानों के आंदोलन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने राजधानी की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
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