'तमिल राष्ट्रवाद' के जरिए अशांति फैलाने की योजना, LTTE को खड़ा करने के लिए फंडिंग, NIA की चार्जशीट में बड़ा खुलासा

LTTE
अभिनय आकाश । Mar 30 2022 3:21PM

रिपोर्टों के अनुसार समूह को पुनर्जीवित करने के लिए पैसे निकालने के प्रयास किए जा रहे थे। हालांकि ये उद्देश्य उससे विभिन्न हैं जिसके लिए श्रीलंका आधारित संगठनलिट्टे की स्थापना हुई थी। इस बार ये कोशिशें तमिलनाडु को अशांत करके भारत में 'तमिल राष्ट्रवाद' को पुनर्जीवित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) की आतंकी फंडिंग जांच के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छह लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। लिट्टे से जुड़े मामलों की जांच जोर पकड़ रही है और इंटेलिजेंस ब्यूरो भी इसको लेकर अलर्ट मोड पर है। रिपोर्टों के अनुसार समूह को पुनर्जीवित करने के लिए पैसे निकालने के प्रयास किए जा रहे थे। हालांकि ये उद्देश्य उससे विभिन्न हैं जिसके लिए श्रीलंका आधारित संगठनलिट्टे की स्थापना हुई थी। इस बार ये कोशिशें तमिलनाडु को अशांत करके भारत में 'तमिल राष्ट्रवाद' को पुनर्जीवित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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एनआईए ने 29/03/2022 की एक प्रेस विज्ञप्ति में मामले की जानकारी दी। एनआईए ने एक ट्वीट में लिखा, "एनआईए ने लिट्टे टेरर फंडिंग केस (आरसी-02/2022/एनआईए/डीएलआई) में 6 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मामला चेन्नई में 'क्यू' शाखा सीआईडी ​​द्वारा प्राथमिकी संख्या 1/2021 के रूप में दर्ज किया गया था और 18 जनवरी, 2022 को एनआईए ने इसे अपने कब्जे में ले लिया था। यह लिट्टे को फिर से जीवित करने के लिए एक आपराधिक साजिश से संबंधित है। आपराधिक और आतंकवादी कार्रवाई करने के लिए जाली दस्तावेजों का सहारा लेकर खाते में पैसे जमा किए गए ताकि गैरकानूनी और आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके।

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एनआईए के अनुसार जांच के दौरान यह पता चला कि लेचुमानन मैरी फ्रांसिस्का, टी. केनिस्टन फर्नांडो और के भास्करन ने विदेशी संस्थाओं के साथ मिलकर निष्क्रिय बैंक खातों में जमा राशि को अवैध रूप से प्राप्त भारतीय पहचान दस्तावेजों का उपयोग करके और फर्जीवाड़ा करने की साजिश रची। गौरतलब है कि श्रीलंकाई नागरिक लेचुमानन मैरी फ्रांसिस्का (50) को चेन्नई हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किए जाने के बाद यह मामला सामने आया था। महिला इसी साल दिसंबर में एक साल के टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थी। वह कोविड-19 महामारी के कारण भारत में रुकी। उसके बाद उन्होंने अन्ना नगर की शक्ति कॉलोनी में एक संपत्ति किराए पर ली। उसके बाद उसने एक किराये का समझौता प्राप्त किया और अपने नाम पर एलपीजी कनेक्शन प्राप्त करने के लिए अपनी राष्ट्रीयता को छुपाया। उसने एलपीजी कनेक्शन के माध्यम से एक भारतीय पासपोर्ट और एक मतदाता पहचान पत्र प्राप्त किया। पुलिस के अनुसार, उसके पास जाली भारतीय पासपोर्ट होने के कारण गिरफ्तारी की गई थी।

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