पवार ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार बारिश प्रभावित किसानों की मदद के लिए ठोस कदम नहीं उठा रही है
पवार ने कहा, ‘भारी बारिश से किसानों को नुकसान हुआ है। सरकार को उन्हें इस स्थिति से बाहर निकालने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए। हालांकि, मौजूदा सरकार इस तरह के कदम उठाने को तैयार नहीं है। केंद्र को भी जमीनी हालात से अवगत करा दिया गया है, लेकिन कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है।'
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश के कारण भारी नुकसान झेलने वाले किसानों की मदद के लिए ठोस कदम उठाने में नाकाम रही है। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने अपने गृह जिले पुणे में किसानों की शिकायतों और भारी वर्षा के कारण उन्हें हुए नुकसान को समझने के लिए उनसे बातचीत की।
पुरंदर तहसील में किसानों से बात करते हुए, पवार ने दुख जताया कि राज्य सरकार उन किसानों के लिए ठोस उपाय करने के लिए तैयार नहीं है, जिन्हें बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है। पुणे में अक्टूबर में असामान्य रूप से ज्यादा बारिश हुई है। बातचीत के दौरान, राकांपा नेता ने किसानों के साथ सहानुभूति व्यक्त की और उन्हें बताया कि वह उनकी पीड़ा और समस्याओं को समझते हैं, और राहत दिलाने के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया।
पवार ने कहा, ‘‘भारी बारिश से किसानों को नुकसान हुआ है। सरकार को उन्हें इस स्थिति से बाहर निकालने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए। हालांकि, मौजूदा सरकार इस तरह के कदम उठाने को तैयार नहीं है। केंद्र को भी जमीनी हालात से अवगत करा दिया गया है, लेकिन कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भूविकास बैंक से ऋण लेने वाले किसानों के लिए पूर्ण कर्ज माफी की हाल में घोषणा की।
उन्होंने पूछा कि इस बैंक से कितने किसानों ने कर्ज लिया है? उन्होंने यहां लोगों से पूछा कि क्या उन्हें भूविकास बैंक के बारे में पता है? राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र के विकास के लिए किए गए अन्य उपायों के अलावा भूविकास बैंक से 964 करोड़ रुपये की ऋण माफी की घोषणा की है। राकांपा प्रमुख ने कहा कि अगर संकट में फंसे किसानों की मदद करनी है, तो नियमों को एक तरफ रखा जाना चाहिए और सत्ता में बैठे लोगों को उन किसानों को प्राथमिकता देनी चाहिए, जिनकी भारी बारिश के कारण फसल बर्बाद हो गई है।
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