बिल पर विपक्ष के सवाल, शाह ने दिया जवाब, जाने नागरिकता बिल से जुड़ी बड़ी बातें
अभिनय आकाश । Dec 9 2019 1:49PM
नागरिकता संशोधन विधेयक में नागरिकता कानून, 1955 में संशोधन का प्रस्ताव है। इस संशोधन के मुताबिक पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के 6 धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को नागरिकता मिलेगी जो पलायन करके भारत आए। इनमें हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई और पारसी लोग शामिल हैं।
लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक किया। इस दौरान शाह ने कहा कि यह बिल 0.001% भी देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है। बिल पेश होते ही लोकसभा में हंगामा, कांग्रेस ने विरोध किया। तो आपको बताते हैं लोकसभा में नागरिकता बिल को लेकर शाह की बड़ी बातें।
- नागरिकता संशोधन बिल मुस्लिमों के खिलाफ नहीं।
- कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन किया।
- बिल से समानता का अधिकार आहत नहीं होगा।
- विपक्ष को हर सवाल पूछने का मौका मिलेगा।
- विपक्ष के हर सवाल का जवाब मिलेगा।
- 1971 में इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश के शर्णार्थियों को नागरिकता दी।
क्या है नागरिकता संशोधन बिल
नागरिकता संशोधन विधेयक में नागरिकता कानून, 1955 में संशोधन का प्रस्ताव है। इस संशोधन के मुताबिक पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के 6 धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को नागरिकता मिलेगी जो पलायन करके भारत आए। इनमें हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई और पारसी लोग शामिल हैं। नागरिकता संशोधन बिल किसी एक राज्य नहीं बल्कि पूरे देश में शरणार्थियों पर लागू होगा।
कितना बदला नागरिकता बिल
नया बिल
6 धर्म के नागरिकों को मिलेगी नागरिकता 1955
मुस्लिम को नागरिकता लिस्ट से किया गया बाहर
6 साल भारत में रहने के बाद नागरिकता
1955
मुस्लिम भी लिस्ट में थे शामिल
सभी धर्म के शर्णार्थी थे शामिल
11 साल भारत में रहने के बाद नागरिकता
Union Home Minister Amit Shah in Lok Sabha on #CitizenshipAmendmentBill: Why do we need this Bill today? After independence, if Congress had not done partition on the basis on religion,then,today we would have not needed this Bill. Congress did partition on the basis of religion. pic.twitter.com/gYsfbdl8U1
— ANI (@ANI) December 9, 2019
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