BJP नेता दिनेश शर्मा का INDIA गठबंधन पर तंज, कहा विपक्ष को मोदी-फोबिया हो गया है, इसलिए एकजुट हुए हैं सभी
उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि, चुनाव में उनके बढ़े हुए अहंकार और खराब प्रदर्शन के कारण वे अपने बीच से विपक्ष का एक नेता भी नहीं चुन पाएंगे। उन्होंने कहा, मोदी फोबिया के कारण वे एक साथ आने के लिए मजबूर हुए हैं। जो पार्टियां अब एक साथ आ रही हैं, वे तीन महीने बाद आपस में ही लड़ती नजर आएंगी।
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य दिनेश शर्मा ने रविवार को दावा किया कि विपक्षी दल मोदी फोबिया (मोदी भय) के कारण एकजुट हुए हैं और लोकसभा चुनाव के लिए एकता का दिखावा कर रहे यह दल तीन महीने बाद एक-दूसरे से झगड़ना शुरू कर देंगे। उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि, चुनाव में उनके (विपक्षी दल) बढ़े हुए अहंकार और खराब प्रदर्शन के कारण वे अपने बीच से (लोकसभा में) विपक्ष का एक नेता भी नहीं चुन पाएंगे। उन्होंने कहा, मोदी फोबिया के कारण वे (विपक्षी दल) एक साथ आने के लिए मजबूर हुए हैं। जो पार्टियां अब एक साथ आ रही हैं, वे तीन महीने बाद आपस में ही लड़ती नजर आएंगी।
चुनाव आयोग ने शनिवार को लोकसभा चुनाव की घोषणा कर दी। यह चुनाव सात चरणों में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को होंगे। मतगणना चार जून को होगी। शर्मा ने दावा किया कि इस बार विपक्षी दल कहीं भी चुनावी परिदृश्य में नहीं हैं। यहां तक कि दक्षिणी राज्य भी इस चुनाव में विपक्षी दलों के पतन और भाजपा के उदय का गवाह बनेंगे। उन्होंने कहा, एक-दूसरे को गाली देने वाले अवसरवादी विपक्षी दल अपना अस्तित्व बचाने के लिए आपस में बेमेल गठबंधन बना रहे हैं। जो लोग एक-दूसरे को जेल भेजने की बात करते थे, वे आज एक-दूसरे को गले लगा रहे हैं।
चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी (सपा) और तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठबंधन बनाया है। हाल ही में कुछ दक्षिणी राज्यों का दौरा कर चुके भाजपा राज्यसभा सदस्य ने कहा, लोकसभा चुनाव के लिए कुछ विपक्षी दल एक साथ आए हैं लेकिन अपने नेताओं के अहंकार के कारण वे अपने बीच से विपक्ष के नेता का चयन नहीं कर पाएंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि भाजपा और उसके सहयोगी लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीटें जीतेंगे।
शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना जर्मनी के तानाशाह रहे एडॉल्फ हिटलर से करने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। शर्मा ने सपा संस्थापक और उत्तर प्रदेश के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के स्पष्ट संदर्भ में कहा, असली हिटलर वह था जिसने अयोध्या में कारसेवकों पर गोलियां चलाईं और जिनके समय में (अयोध्या में) राम मंदिर के बारे में बात करने वाले लोगों को जेल में डाल दिया गया था। उन्होंने कहा, अगर वे हिटलर से इतना प्यार करते हैं तो उन्हें अपनी सहयोगी कांग्रेस द्वारा लगाए गए आपातकाल और सिख विरोधी दंगों को भी याद रखना चाहिए।
विपक्ष पर हमला तेज करते हुए राज्यसभा सदस्य ने कहा कि चुनावी मौसम भगवान राम और सनातन धर्म के विरोधियों को भी राम-राम जपने पर मजबूर कर रहा है। भाजपा नेता ने कहा, राम भक्तों पर गोलियां चलवाने वाले सपा नेता अब इटावा में मंदिर बनवा रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के स्पष्ट संदर्भ में शर्मा ने कहा, आजकल, एक पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अपने माथे पर चंदन का पाउडर लगाते हैं, लेकिन आश्चर्य है कि लोग मोदी की ओर क्यों देख रहे हैं। उन्होंने आम चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस के एक साथ आने को दो परिवारवादी पार्टियों का मिलन करार दिया।
शर्मा ने दावा किया कि भाजपा इस बार दक्षिणी राज्यों में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा, कर्नाटक में कांग्रेस के प्रति गुस्सा है और भाजपा को पिछले चुनाव की तुलना में इस बार अधिक सीटें मिलेंगी क्योंकि उसका जद-एस (जनता दल (सेक्युलर)) के साथ गठबंधन है। अगर कांग्रेस वहां एक भी सीट जीतने में कामयाब रही तो आश्चर्य होगा। शर्मा ने कहा, आंध्र प्रदेश में (वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ) सत्ता विरोधी लहर है।
वहां टीडीपी-भाजपा गठबंधन प्रभावी साबित होगा। केरल में ईसाई समुदाय भाजपा की ओर आकर्षित हो गया है। संक्षेप में मैं कहूंगा कि दक्षिण में विपक्ष का सूर्यास्त होगा और भाजपा का सूर्योदय होगा। लोकसभा की 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में आम चुनाव के सभी चरणों में मतदान होगा। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 62 और उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने दो सीटें जीती थीं। इसके अलावा सपा-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन को 15 सीटें और कांग्रेस को एक सीट मिली थी।
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