मुरादाबाद मुद्दे पर बोले उमर अब्दुल्ला, लोगों के जमा होने से नहीं बल्कि नमाज से समस्या है
अपर पुलिस अधीक्षक-ग्रामीण (एएसपी- ग्रामीण) संदीप कुमार मीणा ने सोमवार को बताया कि दुल्लेपुर गांव में गत 24 अगस्त को कुछ लोग एक मकान में नमाज अदा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि मकान में जगह नहीं होने पर कुछ लोग बाहर खुले में आकर नमाज पढ़ने लगे, जबकि पूर्व में उन्हें ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी गयी थी।
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अपर पुलिस अधीक्षक-ग्रामीण (एएसपी- ग्रामीण) संदीप कुमार मीणा ने सोमवार को बताया कि दुल्लेपुर गांव में गत 24 अगस्त को कुछ लोग एक मकान में नमाज अदा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि मकान में जगह नहीं होने पर कुछ लोग बाहर खुले में आकर नमाज पढ़ने लगे, जबकि पूर्व में उन्हें ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी गयी थी। मीणा ने बताया कि इस मामले में अन्य कुछ ग्रामीणों की शिकायत पर 25 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक किसी भी शख्स को गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस बीच, मामले के एक आरोपी वाहिद सैफी ने दावा किया कि वह उस जमीन का कानूनन मालिक है, जिस पर नमाज अदा की गयी थी। उसने दावा किया कि उक्त स्थान पर आजादी के बाद से अक्सर नमाज पढ़ी जाती थी, लेकिन हाल ही में खुद को बजरंग दल के कार्यकर्ता बताने वाले कुछ ‘उपद्रवी तत्वों’ ने इसे नयी परम्परा बताते हुए इसका विरोध किया था और गत तीन जून को छजलैट थाने में शिकायत की थी।
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सैफी के मुताबिक इस शिकायत पर पुलिस ने मौके का दौरा किया था और सभी कागजात की जांच के बाद उप जिलाधिकारी के कार्यालय में उपस्थित होने को कहा था। उन्होंने बताया कि उपजिलाधिकारी को भी सभी कागजात दिखाये गये, जिस परअधिकारियों ने खुले में नमाज नहीं पढ़ने की हिदायत दी थी। उसके बाद से सभी लोग घर के दायरे में ही रहकर नमाज पढ़ रहे थे। सैफी ने कहा कि गत 24 अगस्त को खुले में नमाज पढ़ने के आरोप में गुपचुप तरीके से एक मुकदमा दर्ज करा दिया गया, जिसके बारे में उन्हें मीडिया की खबरों से पता लगा।
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