राफेल मामले पर पुराने आरोपों की एक बार फिर हुई पुष्टि: संजय सिंह
आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा है कि राफेल लड़ाकू विमान की खरीद प्रक्रिया में आज जिस रक्षा सचिव की असहमति का मामला सामने आया है, इसके मूल में उनकी वही शिकायत ही है, जिसे वह सीवीसी से पहले सीबीआई और कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) के समक्ष पेश कर चुके हैं।
नयी दिल्ली। आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा है कि राफेल लड़ाकू विमान की खरीद में गड़बड़ी से जुड़े मामले में सीवीसी, सीबीआई और कैग के समक्ष उन्होंने पिछले साल जो तथ्य पेश किये थे, उनकी एक बार फिर पुष्टि हो गयी है। सिंह ने नवंबर 2015 में तत्कालीन रक्षा सचिव की ‘नोटिंग (टिप्पणी)’ के हवाले से शुक्रवार को प्रकाशित मीडिया में आयी एक खबर के आधार पर कहा कि इससे साफ हो गया है कि केन्द्र सरकार इस मामले की जांच को प्रभावित कर रही है।
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उन्होंने कहा कि राफेल लड़ाकू विमान की खरीद प्रक्रिया में आज जिस रक्षा सचिव की असहमति का मामला सामने आया है, इसके मूल में उनकी वही शिकायत ही है, जिसे वह सीवीसी से पहले सीबीआई और कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) के समक्ष पेश कर चुके हैं। सिंह ने कहा कि पिछले साल केन्द्रीय प्रवर्तन निदेशालय (सीवीसी) ने राफेल मामले में उनकी शिकायत पर ही तत्कालीन रक्षा सचिव को इस मामले पर संज्ञान लेने के लिये कहा था। उन्होंने कहा कि तत्कालीन रक्षा सचिव की जिस ‘नोटिंग’ की बात आज सामने आ रही है, उन्हें मेरे शिकायती पत्र पर सीवीसी ने कार्रवाई करने को कहा था। सिंह ने कहा कि इससे राफेल खरीद में गड़बड़ी को लेकर उनके द्वारा शुरू से लगाये जा रहे आरोपों की पुष्टि होती है।
"हमने CVC, CBI, CAG तीनों संस्थाओं को राफेल रक्षा सौदा घोटाले एवं भ्रष्टाचार के मामले में जानकारी दी थी और इसके बाद हमने सीबीआई और सीएजी को रिमाइंडर भी भेजा था" : @SanjayAzadSln https://t.co/Rg6Piu8TQN
— AAP (@AamAadmiParty) February 8, 2019
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उन्होंने कहा कि तत्कालीन रक्षा सचिव की 24 नवंबर 2015 की नोटिंग से भाजपा नेताओं का वह दावा भी गलत साबित हो गया जिसमें राफेल सौदे में कारोबारी अनिल अंबानी को फायदा नहीं पहुंचाने की बात लगातार कही जा रही है। उन्होंने इसे अब तक का सबसे बड़ा रक्षा खरीद घोटाला बताते हुये दावा कहा कि इसमें प्रधानमंत्री कार्यालय की भूमिका सामने आने के बाद वह प्रधानमंत्री के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करायेंगे।
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