चिदंबरम नहीं, उनका चरित्रहनन कर रहे लोग ‘किंगपिन’ हैं: कांग्रेस
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि यह राजनीतिक प्रतिशोध की सर्वोत्तम मिसाल है। अगर यही स्थिति रही तो कोई भी मंत्री फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं करेगा।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने आईएनक्स मीडिया में पी चिदंबरम की गिरफ्तारी को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर शुक्रवार को निशाना साधा और दावा किया कि यह मामला सरकार की साजिश है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मामले में चिदंबरम नहीं, बल्कि वो लोग ‘किंगपिन’ हैं जो सरकार में बैठकर उनका चरित्रहनन कर रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इस मामले को राजनीतिक प्रतिशोध की ‘सर्वोत्तम मिसाल’ करार देते हुए कहा कि अगर मंत्रियों के साथ यह व्यवहार किया गया तो फिर कोई भी मंत्री फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं करेगा।
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— Congress Live (@INCIndiaLive) September 20, 2019
रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कई महीनों से मोदी सरकार की ओर से चिदंबरम जी के खिलाफ निरन्तर अभियान चलाया गया है। इस सारे अभियान में एक तथ्य जांच एजेंसियों ने पेश नहीं किया है कि आईएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम ने जिस प्रस्ताव को मंजूरी दी उस पर 11 अधिकारियों के भी हस्ताक्षर थे और इन अधिकारियों को अपराधी नहीं माना गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आईएनएक्स मीडिया की फाइल उस वक्त के वित्त मंत्री चिदंबरम को गई थी उसमें 23 और प्रस्ताव थे। चिदंबरम ने 28 मई 2007 कोहस्ताक्षर किए। उसी फाइल पर 11 और लोगों के हस्ताक्षर थे। किसी भी अफसर ने कोई आपत्ति नहीं जताई और किसी ने कोई टिप्पणी नहीं की।’’
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रमेश ने दावा किया, ‘‘जांच एजेंसियों ने कुछ अफसरों से पूछताछ की है। एजेंसियों ने कभी नहीं कहा कि कोई अपराध नहीं हुआ। अगर 11 अफसरों ने कोई अपराध नहीं किया तो 12वें व्यक्ति ने कोई गलती कैसे की?’’ उन्होंने कहा, ‘‘चिदंबरम के खिलाफ बड़े बड़े शब्द इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि वह किंगपिन हैं। किसके किंगपिन हैं? क्या 11 अधिकारियों के किंगपिन हैं? दरअसल, साजिश पूर्व वित्त मंत्री की नहीं, बल्कि सरकार की है। जो गिरफ्तार हैं वो किंगपिन नहीं है। जो चरित्रहनन का अभियान चला रहे हैं वे लोग किंगपिन हैं।’’ कांग्रेस नेता ने दावा किया कि यह राजनीतिक प्रतिशोध की सर्वोत्तम मिसाल है। अगर यही स्थिति रही तो कोई भी मंत्री फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं करेगा।
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