Purvottar Lok: Assam में अब नहीं बचा कोई भी उग्रवादी समूह, Amritpal Singh ने Dibrugarh जेल से लिखी चिट्ठी, Manipur में आगजनी के बाद तनाव

Amritpal Singh
ANI

उग्रवादी समूह दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की उपस्थिति में सरकार के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये। हम आपको बता दें कि डीएनएलए असम के दीमा हसाओ जिले में अधिक सक्रिय है।

नमस्कार प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम पूर्वोत्तर लोक में आप सभी का स्वागत है। इस सप्ताह असम का एक और उग्रवादी संगठन मुख्यधारा में लौट आया तो दूसरी ओर मणिपुर में स्थानीय स्तर पर उपजे तनाव के चलते आगजनी की घटना ने चौंकाया। इसके अलावा पूर्वोत्तर राज्य नगालैंड के सीमावर्ती गांव में पहली बार कोई केंद्रीय मंत्री पहुँचा तो अरुणाचल प्रदेश में भाजपा की एक विधायक को विधानसभा सदस्यता से अयोग्य करार दे दिया गया। इसके अलावा भी पूर्वोत्तर राज्यों से कई अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आये। आइये डालते हैं सब पर एक नजर लेकिन शुरुआत करते हैं असम से।

असम

असम के दीमा हसाओ जिले में सक्रिय एक जनजातीय उग्रवादी समूह ने हिंसा छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए बृहस्पतिवार को केंद्र और राज्य सरकार के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया। उग्रवादी समूह दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (डीएनएलए) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की उपस्थिति में सरकार के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये। हम आपको बता दें कि डीएनएलए असम के दीमा हसाओ जिले में अधिक सक्रिय है। समूह द्वारा समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद, गृह मंत्री ने कहा कि असम में अब कोई जनजातीय उग्रवादी समूह नहीं है। अमित शाह ने कहा, ‘‘इसके साथ, असम में सभी जनजातीय उग्रवादी समूह मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं।’’ गृह मंत्री ने समझौते को वर्ष 2024 तक पूर्वोत्तर को उग्रवाद मुक्त बनाने और इसे एक शांतिपूर्ण और समृद्ध क्षेत्र में बदलने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने की दिशा में “एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर” बताया।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आतंक मुक्त, हिंसा मुक्त और विकसित पूर्वोत्तर का लक्ष्य सामने रखा है और गृह मंत्रालय मोदी के मार्गदर्शन में इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। गृह मंत्री ने कहा कि डीएनएलए के प्रतिनिधियों ने हिंसा छोड़ने, सभी हथियारों और गोला-बारूद को सौंपने, अपने सशस्त्र संगठन को भंग करने, सभी शिविरों को खाली करने और कानून द्वारा स्थापित शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने पर सहमति व्यक्त की है। एमओयू के अनुसार, डीएनएलए के 168 से अधिक सदस्य हथियार डाल कर मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि समझौता दीमा हसाओ जिले में उग्रवाद को पूरी तरह से समाप्त कर देगा। दिमासा जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार 500-500 करोड़ रुपये प्रदान करेगी। डीएनएलए ने सितंबर 2021 को मुख्यमंत्री की अपील के बाद छह महीने की अवधि के लिए एकतरफा संघर्ष विराम की घोषणा की थी, तब से संघर्ष विराम को बढ़ाया जाता रहा। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डीएनएलए के हिंसा छोड़ मुख्यधारा में शामिल होने के फैसले को पूर्वोत्तर में शांति और प्रगति के लिए ‘बहुत अच्छी खबर’ बताया है। 

इसके अलावा, असम के डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार में बंद ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने अपने वकील को लिखे पत्र में कहा है कि वह जेल भी ‘‘ऊर्जा से भरपूर और आशावादी’’ है। अमृतपाल समेत इसके संगठन के गिरफ्तार कार्यकर्ताओं के परिजन बृहस्पतिवार को डिब्रूगढ़ पहुंचे और केंद्रीय कारागार में उनसे मुलाकात की। एक अधिकारी ने बताया कि अमृतपाल ने जेल में अपने वकील भगवंत सिंह सियाल्का को गुरमुखी में लिखा एक पत्र सौंपा, जिसमें उसने कहा, ‘‘ईश्वर की कृपा से मैं यहां भी ऊर्जा से भरपूर और आशावादी हूं।’’ अपने संगठन के सदस्यों के खिलाफ मामलों का जिक्र करते हुए अमृतपाल सिंह ने पंजाब सरकार पर ज्यादती करने और सिखों के खिलाफ ‘‘कई फर्जी मामले’’ दर्ज करने का आरोप लगाया।

इसके अलावा, असम में एनआईए की एक विशेष अदालत ने देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डालने की आपराधिक साजिश से जुड़े वर्ष 2011 के पीएलए-सीपीआई (माओवादी) सांठगांठ मामले में पांच लोगों को आठ-आठ साल की जेल की सजा सुनाई है। एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया कि तीन दोषी- एन दिलीप सिंह (मणिपुर) और सेंजम धीरेन सिंह तथा आर्नल्ड सिंह (असम) प्रतिबंधित संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सदस्य थे, जबकि दो अन्य दोषी-इंद्रनील चंदा व अमित बागची (पश्चिम बंगाल) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) यानी सीपीआई (माओवादी) से ताल्लुक रखते हैं।

इसके अलावा, असम का काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान मई से पर्यटकों के लिए बंद रहेगा। यह उद्यान एक सींग वाले गैंडों के लिए मशहूर है। अधिकारियों ने बताया कि यह उद्यान आमतौर पर मानसून के कारण हर साल मई से अक्टूबर तक बंद रहता है। दरअसल मानसून में यहां बाढ़ आती है। पूर्वी असम वन्यजीव मंडल वन अधिकारी रमेश गोगोई ने कहा कि हाथी सफारी एक मई से बंद हो जाएगी, जबकि जीप सफारी 16 मई से बंद हो जाएगी।

इसके अलावा, असम में एक राज्यव्यापी कवायद के दौरान किए गए आकलन के मुताबिक सरकारी स्कूलों ने इस वर्ष 2022 की तुलना में सुधार दिखाया है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्चतम ए-प्लस ग्रेड की श्रेणी में रखे गए स्कूलों की संख्या बढ़ रही है और निम्नतम श्रेणी में आने वाले स्कूलों की संख्या कम हो रही है। इसमें कहा गया कि शीर्ष प्रदर्शन करने वाली श्रेणियों में रखे गए छात्रों की संख्या भी पिछले वर्ष की तुलना में 2023 में बढ़ी है।

इसके अलावा, बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन ‘अंसारुल बांग्ला टीम’ (एबीटी) से कथित संबंध रखने वाले तीन लोगों को सोमवार को एक तलाशी अभियान के दौरान असम के धुबरी जिले से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि एबीटी अलकायदा इन इंडियन सब काटिनेंट से संबद्ध है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) अपर्णा नटराजन ने संवाददाताओं से कहा कि पहले गिरफ्तार किए गए एबीटी सदस्यों की सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एक अभियान चलाया और जिले के विभिन्न हिस्सों से संगठन से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया। एसपी ने कहा कि प्रारंभिक जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि तीनों का बारपेटा, गोलपाड़ा, मोरीगांव, धुबरी और देश के अन्य राज्यों से गिरफ्तार किए गए एबीटी सदस्यों के साथ वित्तीय लेनदेन रहा है।

मणिपुर

मणिपुर से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य के चुराचांदपुर में उग्र भीड़ द्वारा एक आयोजन स्थल पर तोड़फोड़ करने तथा उसे आगे लगाने के बाद निषेधाज्ञा आदेश लागू किया गया और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गयी हैं। जिले के न्यू लमका में इस आयोजन स्थल पर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को शुक्रवार को एक कार्यक्रम में भाग लेना था। चुराचांदपुर के जिलाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक से मिली रिपोर्ट के आधार पर आदिवासी बहुल जिले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र में शांति भंग होने की आशंका है और लोगों के जीवन तथा सार्वजनिक संपत्ति को गंभीर खतरा है। जिलाधिकारी के आदेश में कहा गया है कि निषेधाज्ञा आदेश कानून एवं व्यवस्था को लागू कराने में शामिल सरकारी एजेंसियों, आवश्यक सेवाओं तथा जिले के सद्भावना मंडप में जनसभा तथा खुले जिम के उद्घाटन में भाग ले रहे लोगों पर लागू नहीं होगा।

राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है, ‘‘सोशल मीडिया अफवाह फैलाने वालों के लिए एक हथियार बन गया है और इसका इस्तेमाल आम जनता को भड़काने में किया जा रहा है जिसका चुराचांदपुर तथा फेरजॉल जिलों में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है।’’ गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, ‘‘शांति एवं व्यवस्था को बाधित करने से रोकने के लिए चुराचांदपुर और फेरजॉल जिलों में तत्काल प्रभाव से अगले पांच दिन तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेगी।’’ इससे पहले, चुराचांदपुर के अतिरिक्त उपायुक्त एस थिनलालजॉय गांगते ने आयुक्त (गृह) को एक पत्र लिखकर सूचित किया, ‘‘इंडिजीनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने पूर्ण बंद का आह्वान किया है और सोशल मीडिया तथा नेटवर्किंग साइट के जरिए लोगों को इकट्ठा किए जाने की आशंका है जिससे चुराचांदपुर जिले में गैरकानूनी गतिविधियां तथा अशांति बढ़ सकती है।’’ दरअसल, फोरम ने आरोप लगाया है कि मणिपुर में आरक्षित वन क्षेत्रों से किसानों और अन्य आदिवासी निवासियों को निकालने के लिए चलाए जा रहे बेदखली अभियान के विरोध में बार-बार ज्ञापन सौंपे जाने के बावजूद, “सरकार ने लोगों की दुर्दशा को दूर करने की कोई इच्छा या मंशा होने के संकेत नहीं दिए हैं।”

इसके अलावा, मणिपुर में भाजपा के एक और विधायक ने अपने प्रशासनिक पद से इस्तीफा दे दिया है। हम आपको बता दें कि इस महीने प्रशासनिक पद से इस्तीफा देने वाले ख्वाइरकपम रघुमणि इस पूर्वोत्तर राज्य में सत्तारुढ़ दल के चौथे विधायक हैं। उरीपोक के भाजपा विधायक ख्वाइरकपम रघुमणि ने मणिपुर नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को भेजे अपने त्याग पत्र में रघुमणि ने कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों से और जनहित में पद छोड़ रहे हैं।

अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने चुनावी हलफनामे में संपत्ति की जानकारी छिपाने के कारण अरुणाचल प्रदेश की भाजपा विधायक दसांगलू पुल की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है। उच्च न्यायालय की ईटानगर पीठ ने 25 अप्रैल को एक आदेश में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अंजाव जिले की हयुलियांग विधानसभा सीट से दसांगलू पुल के चुनाव को अवैध घोषित कर दिया। हम आपको बता दें कि दासंगलू पुल अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल की तीसरी पत्नी है। उन्होंने अपने पति की मृत्यु के बाद 2016 में उप चुनाव में पहली बार इस सीट पर जीत दर्ज की थी उसके बाद 2019 में वो हयुलियांग विधानसभा सीट से दोबारा चुनी गईं।

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इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने अरुणाचल प्रदेश में केंद्र प्रायोजित विभिन्न योजनाओं की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया है और कहा है कि केंद्र की ओर से सीमावर्ती राज्य को धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। केंद्रीय मंत्री, इस सप्ताह केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित सभी निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा के लिए अरुणाचल प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे। जल शक्ति और जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, "मैं केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित सभी योजनाओं की सुचारू प्रगति के लिए अरुणाचल प्रदेश सरकार की सराहना करता हूं। अधिकांश योजनाएं लगभग पचास फीसदी पूरी हो चुकी हैं।"

मेघालय

मेघालय से आई खबर की बात करें तो आपको बता दें कि मेघालय के कई हिस्सों में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि राज्य में जल स्रोत सूख रहे हैं। राज्य के जनस्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग के मंत्री मार्कुइस एन मारक ने यह बात कही। जल जीवन मिशन का लक्ष्य 2024 तक देश के हर घर में पीने योग्य पानी उपलब्ध कराना है। मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे सूचना मिली है कि कुछ ऐसी जल जीवन मिशन परियोजनाएं हैं जो विभाग द्वारा पहले ही पूरी कर ली गई हैं, लेकिन जल स्रोतों के सूखने के कारण पानी के उपभोग केंद्रों पर पानी नहीं है।’’ 

मिजोरम

मिजोरम से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य के पुलिस महानिदेशक देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा है कि राज्य में साइबर अपराध के मामलों में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस ने अब तक साइबर अपराध के 1,033 से अधिक मामले दर्ज किए हैं। डीजीपी ने राज्य पुलिस और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), आइजोल द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित तीन दिवसीय एक कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर कहा कि साइबर अपराध के मामलों में कम से कम 54 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनमें से 16 लोगों को अब तक दोषी ठहराया गया। उन्होंने बताया कि वित्तीय धोखाधड़ी और साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़े है और इस संबंध में चर्चा किये जाने की जरूरत है।

इसके अलावा, मिजोरम की राजधानी आइजोल मोबिलिटी सेवाओं के लिए कैशलेस भुगतान के मामले में सबसे आगे है जबकि बड़े शहरों के बीच हैदराबाद शीर्ष स्थान पर मौजूद है। एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है। ओएमआई फाउंडेशन की आवाजाही सुगमता सूचकांक पर आधारित रिपोर्ट-2022 में शहरों को रैंकिंग दी गई है। इस रिपोर्ट को देशभर के 18 शहरों में रहने वाले 50,488 निवासियों से मिले जवाबों के आधार पर तैयार किया गया है।

इसके अलावा, मिजोरम में आगामी चकमा स्वायत्त जिला परिषद (सीएडीसी) चुनाव के लिए कुल 76 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। एक अधिकारी ने कहा कि जिला परिषद की 20 सीट के लिए नौ मई को मतदान होगा और मतगणना 11 मई को होगी। मिजोरम राज्य निर्वाचन आयोग के उप सचिव आर वनरेंगपुइया ने बताया कि सत्तारुढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) और विपक्षी दल भाजपा ने 20-20 उम्मीदवार उतारे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 22 उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिनमें से दो स्थानापन्न के रूप में हैं, जबकि जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने 13 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। उन्होंने कहा कि एक निर्दलीय उम्मीदवार ने भी परिषद चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया है। मतदान के लिए 17,677 महिलाओं समेत कुल 35,885 योग्य मतदाता है। मतदान ईवीएम के जरिए होगा। हम आपको बता दें कि मिजोरम में चकमा जनजाति के लोगों के कल्याण के लिए 1972 में संविधान की छठी अनुसूची के तहत सीएडीसी का गठन किया गया था। परिषद में 24 निर्वाचन क्षेत्र हैं, जिनमें से चार मनोनीत सीट हैं।

त्रिपुरा

त्रिपुरा से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह त्रिपुरा में ब्रू शरणार्थियों के पुनर्वास की समीक्षा के लिए मई में राज्य का दौरा करेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। 1997 में जातीय तनाव के बाद मिजोरम भागे 37,136 ब्रू शरणार्थियों का एक ऐतिहासिक समझौते पर दस्तखत के बाद त्रिपुरा में पुनर्वास किया गया था। अभी तक ज्यादातर शरणार्थियों का 12 नामित जगहों पर पुनर्वास किया गया है।

इसके अलावा, वर्ष 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान उल्लेखनीय सेवाएं देने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किए गए लोक सेवा अधिकारी हिमांग्शु मोहन चौधरी का अगरतला के एक निजी अस्पताल में उम्र संबंधी जटिलताओं के कारण इस सप्ताह निधन हो गया। वह 83 साल के थे। हिमांग्शु मोहन चौधरी को मार्च 1971 में पाकिस्तानी सेना द्वारा पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में क्रूर कार्रवाई शुरू किए जाने के बाद क्षेत्र छोड़कर भारत आए लाखों शरणार्थियों के लिए भोजन और आश्रय की व्यवस्था की निगरानी करने के लिए जाना जाता था। चौधरी पद्मश्री से सम्मानित पूर्वोत्तर भारत के पहले व्यक्ति थे। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने उनके निधन पर शोक व्यक्ति किया है।

इसके अलावा, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा है कि भाजपा की राज्य इकाई अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘दो कमल का उपहार’ देने के लिए प्रतिबद्ध है। हम आपको बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य में दो लोकसभा क्षेत्र हैं- पश्चिम और पूर्वी त्रिपुरा निर्वाचन क्षेत्र- जो सत्तारुढ़ दल के पास हैं। माणिक साहा ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैंने अक्षय तृतीया के पावन मौके पर भाजपा की राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा की उपस्थिति में बूथ सशक्तीकरण अभियान पर आयोजित कार्यशाला में पार्टी के विभिन्न स्तरों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।’’

नगालैंड

नगालैंड से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन ने कहा है कि भारत-म्यांमा सीमा पर नगालैंड में फेक जिले के मेलुरी से अवंगखु तक दो-लेन की सड़क का निर्माण काम जल्द ही शुरू होगा। सीमावर्ती गांव का दौरा करने वाले पहले केंद्रीय मंत्री मुरुगन ने कहा कि इस सड़क से सीमावर्ती इलाकों के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री ने अवंगखु में अंतरराष्ट्रीय व्यापार केंद्र में एक कार्यक्रम में कहा कि केंद्र सीमावर्ती इलाकों समेत पूर्वोत्तर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

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