मध्य प्रदेश में थमा उप चुनाव प्रचार का शोर, अब प्रत्याशी घर-घर जाकर करेंगे मतदाताओं से संपर्क
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने हाटपिपल्या, सुवासरा, आगर-मालवा और ब्यावरा विधानसभआ क्षेत्र में जनसभाएं और रोड़ शो किए। मध्य प्रदेश उप चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार शाम 6 बजे तक चुनाव प्रचार समाप्त होने तक 84 सभाएं एवं सम्मेलन तथा 10 रोड़ शो किए है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा क्षेत्रों में हो रहे उप चुनाव का शोर रविवार शाम 6 बजे थम गया। अब चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे राजनैतिक दलों के प्रत्याशी घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क करेंगे। 03 नवम्बर को इन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होना है और 10 नवम्बर को वोटों की गिनती के बाद परिणाम घोषित किए जाएगें। चुनाव प्रचार खत्म होने से पहले राजनैतिक पार्टीयों के स्टार प्रचारक और नेतागणों ने अपनी पार्टी के पक्ष में जनसभा, रैलियां और रोड़ शो कर पूरी ताकत झोंक दी हैं। साथ ही जनता से अपनी पार्टी के पक्ष में वोट देने की अपील की हैं।
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चुनावी प्रचार थमने से पहले रविवार को जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 4 सीटों पर जनसभाओं को संबोधित किया हैं तो वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ग्वालियर-चंबल के विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार किया और ग्वालियर में प्रेसवार्ता की इस दौरान कमलनाथ ने मुरैना और ग्वालियर में अपने प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभा को भी संबोधित किया। तो वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने हाटपिपल्या, सुवासरा, आगर-मालवा और ब्यावरा विधानसभआ क्षेत्र में जनसभाएं और रोड़ शो किए। मध्य प्रदेश उप चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार शाम 6 बजे तक चुनाव प्रचार समाप्त होने तक 84 सभाएं एवं सम्मेलन तथा 10 रोड़ शो किए है।
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मध्य प्रदेश की 230 विधान सभा सीट में से 25 विधायकों के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने और 3 विधायकों के असमय निधन के चलते रिक्त हुई हैं। कुल रिक्त हुए 28 विधानसभा सीटों 03 नवंबर को यहाँ मतदान होना है। वर्तमान में मध्य प्रदेश विधानसभा की दलीय स्थिति पर नज़र दौड़ाएं तो भाजपा के 107, कांग्रेस के 87, बीएसपी 02, सपा 01 और चार निर्दलीय विधायक है। वही 28 विधानसभा उप चुनाव के बीच में दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी ने इस्तीफा देने के बाद अब कांग्रेस की 87 विधायक ही बचे है।
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वही वर्तमान में भाजपा की शिवराज सरकार को 114 विधायको का समर्थन हासिल है। जबकि राहुल लोधी के इस्तीफे के बाद अब बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए मध्य प्रदेश की 230 विधायकों वाली विधानसभा में 115 विधायकों का समर्थन होना आवश्यक है। जबकि कांग्रेस के वर्तमान में 88 की जगह 87 विधायक है, जिसे बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए सभी 28 विधानसभा सीटों में जीत हासिल करनी होगी। जिसका फैसला मतदाता 03 नवम्बर को करेंगे।
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