बिहार में नीतीश ने शुरू की समाज सुधार अभियान, तेजस्वी बोले- पहले अपने मंत्रियों को सुधारें CM
तेजस्वी ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री जी, क्या बिहार की बदहाल शिक्षा,स्वास्थ्य व विधि व्यवस्था, महंगाई, भ्रष्टाचार, गरीबी, पलायन और बेरोजगारी सरकार की व्यवस्था संबंधित सबसे बड़ी सामाजिक समस्याएँ नहीं है?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोतिहारी से समाज सुधार अभियान की शुरुआत की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि समाज सुधार के बिना विकास का कोई महत्व ही नहीं है। इसी को लेकर अब राजद नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से सवाल किए हैं। तेजस्वी यादव ने नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि समाज सुधार अभियान पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं करनी है लेकिन मुख्यमंत्री के जिम्मेदार इस सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार को सुधारने की अधिक है। इसके साथ ही तेजस्वी ने यह भी कह दिया कि मुख्यमंत्री सबसे पहले तो अपने सरकार और अपने मंत्रियों को सुधारे। थाने में बिना खुश की एक भी काम नहीं होता है। उसे कौन सुधरेगा।
तेजस्वी ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री जी, क्या बिहार की बदहाल शिक्षा,स्वास्थ्य व विधि व्यवस्था, महंगाई, भ्रष्टाचार, गरीबी, पलायन और बेरोजगारी सरकार की व्यवस्था संबंधित सबसे बड़ी सामाजिक समस्याएँ नहीं है? आप इन सामाजिक खामियों, समस्याओं और प्रशासनिक विफलताओं पर यात्रा कर इन्हें दूर क्यों नहीं करना चाहते? इसके साथ उन्होंने पूछा कि 16 वर्षों के आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश जी, बिहार को 'समाज सुधार' से अधिक 'व्यवस्था सुधार' यात्रा की आवश्यकता है क्योंकि व्यवस्था दुरुस्त होने से अधिकांश सामाजिक समस्याएँ स्वतः दूर हो जाएंगी। प्रदेश में प्रशासनिक अराजकता व्याप्त है। मानिए, आपका “SYSTEM” पूर्णतः ध्वस्त हो चुका है।मुख्यमंत्री जी, क्या बिहार की बदहाल शिक्षा,स्वास्थ्य व विधि व्यवस्था, महंगाई, भ्रष्टाचार, गरीबी, पलायन और बेरोजगारी सरकार की व्यवस्था संबंधित सबसे बड़ी सामाजिक समस्याएँ नहीं है?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 22, 2021
आप इन सामाजिक खामियों, समस्याओं और प्रशासनिक विफलताओं पर यात्रा कर इन्हें दूर क्यों नहीं करना चाहते?
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वहीं पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय मोतिहारी के गांधी मैदान से समाज सुधार अभियान की शुरुआत करते हुए कुमार ने कहा कि विकास के साथ-साथ हमलोग समाज सुधार के लिए भी काम कर रहे हैं। आपको पता है, हमलोग शराब को लेकर वर्ष 2011 से अभियान चला रहे हैं। एक अप्रैल 2016 को हमलोगों ने पहले ग्रामीण इलाके में देशी और विदेशी शराब पर रोक लगायी जबकि शहरी इलाकों में विदेशी शराब बंद नहीं किया गया था। शहरों में पुरुष-महिलाओं,लड़के-लड़कियों ने शराब के आवंटित दुकानों के खोले जाने पर कड़ा विरोध जताया। उसके बाद पांच अप्रैल 2016 को राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई।
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