Nitish Kumar का सवाल, नई संसद की क्या जरूरत थी? नीति आयोग की बैठक पर कही यह बात

Nitish Kumar
ANI
अंकित सिंह । May 27 2023 1:04PM

बिहार के मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोग भारत के इतिहास को बदल देंगे। जनता दल (यूनाइटेड) के नेता ने कहा कि वह भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का सम्मान करते हैं और इसीलिए जब नेहरू की मृत्यु हुई तो उन्हें बुरा लगा।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को एक नए संसद भवन की आवश्यकता पर सवाल उठाया और कहा कि रविवार को इसके उद्घाटन समारोह में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है। पटना में पत्रकारों से बातचीत में कुमार ने कहा कि नई संसद की क्या जरूरत थी? पहले की इमारत एक ऐतिहासिक थी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि सत्ता में बैठे लोग इस देश के इतिहास को बदल देंगे। नीतीश ने साफ तौर पर कहा कि आज नीति आयोग की बैठक और कल नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल होने का कोई मतलब नहीं था। 

इसे भी पढ़ें: Bihar Viral Video । खेतों में टीचरों ने एक दूसरे पर बरसाए लात-घूसे, गुत्थम-गुत्थी का वीडियो वायरल

बिहार के मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोग भारत के इतिहास को बदल देंगे। जनता दल (यूनाइटेड) के नेता ने कहा कि वह भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का सम्मान करते हैं और इसीलिए जब नेहरू की मृत्यु हुई तो उन्हें बुरा लगा। उन्होंने अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि वर्तमान संसद भारत के इतिहास का हिस्सा है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि अचानक यह सरकार नई संसद क्यों बनाना चाहती है? क्योंकि वह इस देश का इतिहास को बदलना चाहती है। कुमार की पार्टी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नए भवन के उद्घाटन की मांग करते हुए पीएम मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम से दूर रहने के अपने फैसले की घोषणा पहले ही कर दी है।

इसे भी पढ़ें: विपक्षी एकता में जुटे नीतीश कुमार ने केसी त्यागी को दी बड़ी जिम्मेदारी, ऐसे करेंगे पार्टी की मदद

इससे पहले जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा था कि अगर 2024 में केंद्र की सरकार बदलती है तो नए संसद भवन का इस्तेमाल दूसरे कार्य के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संसद भवन के जरिए इतिहास बदलने की कोशिश की जा रही है। ललन सिंह आज फिर कहा कि प्रधानमंत्री को इस देश के आदिवासी समुदाय के लोगों, दलित समुदाय के लोगों और देश की महिला से क्षमा मांगनी चाहिए। जब उन्होंने दलित समुदाय की महिला को राष्ट्रपति बनाया था तब तो वे अपनी पीठ थपथपा रहे थे लेकिन उद्घाटन की बात आई तो उन्हें(राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू) इससे वंचित कर दिया। प्रधानमंत्री देश के इतिहास को समाप्त करके अपने नाम करना चाहते हैं। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़