बिहार विधान सभा में नीतीश कुमार ने आपा खोया, तेजस्वी पर जमकर बसरे
यादव ने अपने भाषण में हत्या के एक मामले का जिक्र किया जिसमें कुमार के आरोपी होने की बात कही, साथ ही उन्होंने कुमार पर जेएनयू के एक छात्र द्वारा साहित्यिक चोरी के आरोप का जिक्र किया जिसे पटना के एक थिंक टैंक ने प्रकाशित किया और मुख्यमंत्री ने उसे प्रस्तावित किया।
इसके अलावा सृजन घोटाले में भी उनपर आरोप का जिक्र किया जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। चौधरी ने इन सभी आरोपों से इंकार किया। यादव अपनी सीट पर खड़े हुए और कहा ,‘‘ यह गंभीर मामला है जिसे मैंने तथ्यों के आधार पर उठाया है। क्या यह सच नहीं है कि मुख्यमंत्री को हत्या के एक मामले में जुर्माना भरना पड़ा था।’’ युवा नेता की बात पर मुख्यमंत्री खड़े हुए और तेज़ आवाज़ में बोले कि वह (तेजस्वी) झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा,‘‘मैं आसन को चुनौती देता हूं कि बयान की सत्यता की जांच की जाए और आवश्यक कार्रवाई की जाए। मैं चुपचाप इसलिए सुन रहा हूं कि वह मेरे दोस्त के बेटे हैं जिन्हें मैं अपना भाई मानता हूं।’’ कुमार ने गुस्से में कहा ,‘‘क्या उन्हें पता है कि उनके पिता (लालू यादव) किस तरह से मुख्यमंत्री बने? क्या वह भूल गए कि उन्हें उपमुख्यमंत्री किसने बनाया? मैंने उनसे रास्ता इसलिए अलग कर लिया कि चीजों का जवाब देने की मेरी सलाह को वह नहीं मानते थे।’’#WATCH | I was speaking about the fertility rate and said that in humour. Did I say anything about anyone? People are taking it on themselves on their own: Bihar CM Nitish Kumar on RJD leader Tejashwi Yadav's remarks https://t.co/UkBSPdNJnL pic.twitter.com/0rMqsLub9f
— ANI (@ANI) November 27, 2020
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कुमार ने सदन में हंगामे के बीच कहा ,‘‘जब मैं उनसे (यादव) चीजों को स्पष्ट करने के लिए कहता था तो वह नहीं करते थे क्योंकि वह नहीं कर सकते थे। अब उनके खिलाफ आरोपपत्र भी दायर हो गया है। आप (यादव) क्या बकवास कर रहे हैं? क्या मैं आपको नहीं जानता हूं?’’ विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने 30 मिनट के लिए सदन स्थगित कर दी। बाद में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कुमार ने राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस में उस तरह से जवाब दिया जिस तरह से सरकार देती है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपनी आकांक्षाएं पूरी करने का हक है लेकिन मार्यादा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
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