PM Modi से साथ निभाने की 'कीमत' वसूलेंगे नीतीश! JDU ने कहा- विशेष राज्य का दर्जा अगर नहीं मिला तो...

modi nitish
ANI
अंकित सिंह । Jul 12 2024 4:03PM

बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने भी कहा कि विशेष राज्य का दर्जा अगर नहीं मिला, परिस्थितियां ऐसी नहीं बनीं, तो हमें कम से कम विशेष पैकेज मिलना चाहिए। वहीं, लोकसभा चुनाव में जद (यू) के अच्छे प्रदर्शन का हवाला देते हुए वर्मा ने कहा कि पार्टी का मानना ​​है कि अगला विधानसभा चुनाव कुमार के नेतृत्व में होना चाहिए और उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अब तक कोई अन्य विचार नहीं आया है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रमुख सहयोगी मनीष कुमार वर्मा ने कहा है कि उनकी पार्टी केंद्र से राज्य को विशेष दर्जा या विशेष पैकेज देने की अपनी मांग को पूरा करने के लिए पुरजोर तरीके से जोर देगी। मनीष कुमार वर्मा नीतीश के बेहद करीबी हैं जिन्होंने हाल में ही जदयू दा दामन थामा है। दो दिनों के भीतर गुरुवार को उन्हें महत्वपूर्ण संगठनात्मक पद दे दिया गया। इसके अलावा जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के मामले को लेकर खुलकर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने केंद्र सरकार के सामने विशेष राज्य के दर्जे की मांग रखी है। अगर ऐसा नहीं होता है फिर हमलोगों को विशेष पैकेज दिया जाए।

इसे भी पढ़ें: बिहार विधानसभा चुनाव पर प्रशांत किशोर की नजर, गांधी जयंती लॉन्च करेंगे पार्टी, दलित-मुस्लिम पर रहेगा जोर

बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने भी कहा कि विशेष राज्य का दर्जा अगर नहीं मिला, परिस्थितियां ऐसी नहीं बनीं, तो हमें कम से कम विशेष पैकेज मिलना चाहिए। वहीं, लोकसभा चुनाव में जद (यू) के अच्छे प्रदर्शन का हवाला देते हुए वर्मा ने कहा कि पार्टी का मानना ​​है कि अगला विधानसभा चुनाव कुमार के नेतृत्व में होना चाहिए और उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अब तक कोई अन्य विचार नहीं आया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) अगले साल के अंत में होने वाले चुनाव के करीब इस मामले पर फैसला करेगा। एनडीए में जनता दल (यूनाइटेड) के अलावा भाजपा और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के नेतृत्व वाली एलजेपी और बिहार के कुछ अन्य छोटे दल शामिल हैं। 

इसके अलावा जनता दल (यूनाइटेड) के नीतीश कुमार ने कथित तौर पर बिहार राज्य परियोजनाओं के लिए 23 जुलाई को पेश किए जाने वाले बजट से 3.6 बिलियन डॉलर की मांग की है। इसे पूरा करना मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती रहने वाली है। वर्मा ने हाल के लोकसभा चुनावों के दौरान जद (यू) के अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, इस दौरान उन्होंने उन सभी 16 संसदीय क्षेत्रों का व्यापक दौरा किया जहां पार्टी ने चुनाव लड़ा था। जेडी (यू) ने इनमें से 12 सीटें जीतीं और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार 3.0 में एक प्रमुख सहयोगी के रूप में उभरी। 

इसे भी पढ़ें: Weather Update India | आईएमडी ने 15 जुलाई तक पूरे भारत में बारिश का अनुमान जताया, बिहार और उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी

वर्मा की राजनीतिक महत्वाकांक्षा तब सामने आई जब उन्होंने 40 की उम्र में आईएएस से वीआरएस लेने का फैसला किया। नीतीश की तरह, वर्मा कुर्मी (ओबीसी) समुदाय से हैं। वह सीएम से नालन्दा कनेक्शन भी साझा करते हैं। हालाँकि उनका परिवार मूल रूप से पड़ोसी गया बेल्ट के नीमचकबथानी का रहने वाला है, लेकिन अब यह कई वर्षों से नीतीश के गृह क्षेत्र, नालंदा जिले के बिहारशरीफ में रहता है। वर्मा के पिता डॉ अशोक वर्मा बिहारशरीफ के एक प्रमुख चिकित्सक के रूप में जाने जाते रहे हैं। हालाँकि वर्मा का नाम लंबे समय से नीतीश के संभावित उत्तराधिकारियों में से एक के रूप में चल रहा है, लेकिन वीआरएस के बाद उन्हें कोई राजनीतिक पद नहीं दिया गया।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़