नितिन गडकरी: परियोजनाएं समय पर पूरी करने का हुनर लाभकारी रहा

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[email protected] । May 30 2019 7:41PM

जलमार्ग पर खास ध्यान देते हुए गडकरी ने तमाम नदियों के हर संभव जलमार्ग को आपस में जोड़ने का काम शुरू किया। बनारस में सी-प्लेन और नदियों में क्रूज चलवाए।

नयी दिल्ली। मुंबई-पुणे हाई-वे का निर्माण तय समय में पूरा कर खासी सराहना बटोरने वाले नितिन गडकरी ने नरेंद्र मोदी सरकार के अपने कार्यकाल में इस विशेषता को बरकरार रखते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाज़रानी मंत्री के तौर पर कई परियोजनाएं समय पर पूरी कीं । किसी भी कार्य को बेहद व्यवस्थित तरीके से करने का लक्ष्य रख कर चलने वाले गडकरी ने राष्ट्रीय राजमार्गों के मरम्मत और चौड़ीकरण का काम बखूबी किया। नितिन गडकरी ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में दूसरी बार कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली।

जलमार्ग पर खास ध्यान देते हुए गडकरी ने तमाम नदियों के हर संभव जलमार्ग को आपस में जोड़ने का काम शुरू किया। बनारस में सी-प्लेन और नदियों में क्रूज चलवाए। उनकी महत्वपूर्ण उपलब्धि नॉर्दन पेरीफेरल और वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे को समय पर पूरा करना रहा जिससे अन्य राज्यों से आने वाले भारी वाहनों के दबाव से राजधानी दिल्ली को मुक्ति मिल गई। गडकरी की सबसे बड़ी खासियत रही कि उन्होंने अपने मंत्रालय के तहत शुरू की गई ज्यादातर परियोजनाओं को तय समय में पूरा किया। उनकी इस उपलब्धि का मोदी सरकार को लोकसभा चुनाव 2019 में काफी फायदा मिला। भाजपा ने लगातार जनता को बताया कि कैसे उन्होंने तमाम सड़के, फ्लाई-ओवर और सड़क मार्ग से जुड़ी अन्य परियोजनाओं को तय समय में पूरा किया।

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महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर अहम जिम्मेदारियां निभा चुके गडकरी राजनीति को पेशा नहीं बल्कि मिशन मानते हैं। महाराष्ट्र के लोकनिर्माण मंत्री के तौर पर विकास कार्यों में वह इस कदर रमे कि उन्हें मुंबई में ढेरों फ्लाईओवर बनाने के कारण ‘‘फ्लाईओवर मैन’’ कहा जाने लगा। अपने शुरूआती दिनों में ही आरएसएस से प्रभावित गडकरी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता के तौर पर राजनीति में कदम रखा और बाद में भाजपा की युवा शाखा में शामिल हो गए। पेशे से वकील गडकरी जून 1975 में आपातकाल की घोषणा के बाद वकालत का पेशा छोड़ कर राष्ट्र निर्माण में जुट गए। 21 वीं सदी को विकास एवं निर्माण की सदी मानने वाले गडकरी ने कृषि के क्षेत्र में जल प्रबंधन, सौर ऊर्जा और आधुनिकीकरण के प्रयोग से विदर्भ की काया पलट दी।

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