निर्भया के दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की, फांसी की सजा बरकरार
निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के दोषियों में से एक अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया। अक्षय की पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया हैं। जस्टिस भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले पर सुनवाई की है।
निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के दोषियों में से एक अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। अक्षय की पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा की केस की जांच और ट्रायल एकदम सही हुआ है। जस्टिस भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले पर सुनवाई की है। सुनवाई के दौरान दोषी अक्षय के वकील ने कहा है कि उसे फांसी इसलिए दी जा रही है क्योंकि वह गरीब है। साथ ही वकील ने जांच पर भी सवाल उठाए। वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दोषी किसी भी सहानुभूति का हकदार नहीं है, उसे तुरंत फांसी दी जानी चाहिए।
निर्भया के दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर कोर्ट ने 10.30 बजे सुनवाई की। बेंच के अन्य सदस्य जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस बोपन्ना हैं। मामले में मंगलवार को सुनवाई होनी थी लेकिन चीफ जस्टिस एसए बोबड़े ने खुद को बेंच से अलग कर लिया था इस वजह से सुनवाई को टालना पड़ा। न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा था कि हम कल सुबह 10:30 बजे सुनवाई के लिए एक और नए पीठ का गठन करेंगे। निर्भया के दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर अब नई बेंच ने अपना फैसला सुना दिया है।
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दोषी अक्षय के वकील ने पहले भी कहा था कि यह मामला राजनीति और मीडिया के दबाव से प्रभावित रहा है और दोषी के साथ घोर अन्याय हो चुका है। अक्षय ने दया का अनुरोध करते हुए दलील दी है कि वैसे भी दिल्ली मे बढ़ते प्रदूषण के कारण जीवन छोटा होता जा रहा है।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल नौ जुलाई को इल मामले के तीन दोषियों मुकेश, पवन और विनय की पुनर्विचार याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि इनमें 2017लके फैसले पर पुनर्विचार का कोई आधार नहीं हैं।
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16 दिसंबर, 2012 के इस सनसनीखेज अपराध के चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई है जिनमें से तीन मुजिरमों की पुनर्विचार याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है। पीड़िता की मां के वकील ने प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और कहा कि दोषी की पुनर्विचार याचिका का विरोध कर रहे हैं। पीठ ने कहा कि पीड़िता की मां के वकील की बात भी 17 दिसंबर को उसी वक्त सुनी जायेगी जब दोषी की पुनर्विचार याचिका सुनवाई के लिये आयेगी।
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