‘Newsclick’ Case : अदालत ने पुरकायस्थ व चक्रवर्ती को 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

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पुलिस ने ‘न्यूज़क्लिक’ के दिल्ली स्थित कार्यालय को भी सील कर दिया है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि भारत की ‘‘संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने’’ और देश में असंतोष पैदा करने के लिए समाचार पोर्टल को चीन से बड़ी राशि मिली थी।

दिल्ली की एक अदालत ने समाचार पोर्टल ‘न्यूज़क्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और वेबसाइट के मानव संसाधन विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती को मंगलवार को 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उन्हें गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम (यूएपीए) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है।

आरोप है कि चीन के पक्ष में प्रचार करने के लिए समाचार पोर्टल को विदेश से पैसे मिले थे। दोनों को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर की अदालत में अपराह्न लगभग 2:50 बजे पेश किया गया। न्यायाधीश कौर ने कहा, ‘‘यह स्वीकृत स्थिति है कि वर्तमान मामले में कार्यवाही के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय से कोई रोक नहीं है।’’

उन्होंने कहा, आवेदन और रिकॉर्ड में उद्धृत आधारों के मद्देनजर, आरोपी प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को 10 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है और उन्हें 20 अक्टूबर को पेश किया जाएगा। अभियोजन ने अदालत से आग्रह किया कि दोनों को 10 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाए जबकि पुरकायस्थ के वकील ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है।

वकील ने कहा, मैंने कौन सा आतंकी कृत्य किया है? एक पत्रकार के रूप में, मैं ऐसा कृत्य कैसे कर सकता हूं? प्राथमिकी में क्या आरोप है कि हमने (सरकार की) कोविड नीति और किसानों के विरोध को लेकर आलोचनात्मक रिपोर्टिंग की है? क्या यह आतंकवाद है?

उन्होंने कहा कि अगर उनके अपराध के बारे में थोड़ा भी संदेह है, तो उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजना न्याय का मजाक होगा। चक्रवर्ती के वकील ने दलील दी कि वह पत्रकार नहीं हैं और न ही उन्हें कोई पैसा मिला है। उन्होंने कहा, ऐसा कोई आरोप नहीं है कि न्यूज़क्लिक द्वारा प्रकाशित भारत का कोई नक्शा है, जिसमें भारत को कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के बिना दिखाया गया है।

दलीलों का विरोध करते हुए, विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि मामला उस चरण में है जब सबूत अभी एकत्र किए जा रहे हैं, और अभियोजन पक्ष ने पूरी निष्पक्षता के तहत आरोपियों के लिए न्यायिक हिरासत की मांग की है। दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने तीन अक्टूबर को पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने ‘न्यूज़क्लिक’ के दिल्ली स्थित कार्यालय को भी सील कर दिया है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि भारत की ‘‘संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने’’ और देश में असंतोष पैदा करने के लिए समाचार पोर्टल को चीन से बड़ी राशि मिली थी।

इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने के लिए पुरकायस्थ ने ‘पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेकुलरिज़्म’ (पीएडीएस) समूह के साथ मिलकर साजिश रची थी।

पुलिस ने बताया कि प्राथमिकी में नामज़द और डेटा के विश्लेषण में सामने आए संदिग्धों पर तीन अक्टूबर को दिल्ली में 88 और अन्य राज्यों में सात स्थानों पर छापे मारे गए। ‘न्यूज़क्लिक’ के कार्यालयों और पत्रकारों के आवासों से करीब 300 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं।

छापेमारी के बाद विशेष प्रकोष्ठ ने दिल्ली और एनसीआर में नौ महिला पत्रकारों समेत 46 लोगों से पूछताछ की। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुरकायस्थ और चक्रवर्ती की ओर से उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद सात दिन की पुलिस हिरासत को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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