सहकार से समृद्धि के विजन वाला मोदी सरकार का नया मंत्रालय, क्या होगा काम और क्यों पड़ी जरूरत?
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए एक नया सहकारी मंत्रालय सृजित करने का फैसला किया है। मंत्रालय की तरफ से इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि जो सहकारी संस्थाएं हैं उनके लिए ईज ऑफ डुइंग बिजनेस हो सके।
भारत सरकार ने पहली बार मिनिस्ट्री ऑफ कोऑपरेशन का गठन किया है। ये मंत्रालय देश में सहकारी समितियों के उत्थान के लिए काम करेगा और सहकारी समितियों को मजबूत करेगा। ये केंद्र सरकारी की समुदाय आधारित विकास योजनाओं को मजबूती देने का काम करेगा। सरकार ने सहकारिता आधारित आर्थिक विकास का मॉडल देश के लिए बहुत जरूरी बताया। मंत्रालय की तरफ से इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि जो सहकारी संस्थाएं हैं उनके लिए ईज ऑफ डुइंग बिजनेस हो सके। सरकार ने इसके लिए "सहकार से समृद्धि तक" का मंत्र दिया है। यानी सहकार के जरिये समृद्धि आएगी इसलिए एक नया मंत्रालय का गठन किया गया है।
सहकारिता मंत्रालय की योजना
- मंत्रालय सहकारी समितियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने वाले आंदोलन को मजबूती देगा।
- सरकार इस मंत्रालय के जरिये सहकारी समितियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का काम करेगी।
- इसके जरिये को-ऑपरेटिव्ज यानी सहकारी समितियां लोगों से गहराई से जुड़ सकेंगी।
- इसके अलावा मंत्रालय सहकारी समितियों के लिए ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को आसान बनाएगा।
- मल्टी-स्टेट को-ऑपरेटिव्ज (एमएससीएस) के विकास को बेहतर करने के लिए काम करेगा।
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बजट घोषणा का हिस्सा
अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन वित्त मंत्री की ओर से की गई बजट घोषणा का हिस्सा था। वित्त मंत्री ने बजट में अलग सहकारिता मंत्रालय को लेकर बजट में घोषणा की थी। ऐसे में सरकार ने इसे लेकर अपना वादा पूरा किया है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय कोऑपरेटिव मूवमेंट को मजबूती देने के लिए एक अगल प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत फ्रेमवर्क उपलब्ध कराएगा।
The Modi govt has created a separate ‘Ministry of Co-operation’. This new ministry will provide a separate administrative, legal, and policy framework for strengthening the cooperative movement in India in order to realize the vision of #SahkarSeSamriddhi.https://t.co/5j0HIaj2nu
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) July 7, 2021
किसानों को सशक्त बनाने के रूप में देखा जा रहा फैसला
केंद्र सरकार ने समुदाय आधारित विकासात्मक भागीदारी के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता का संकेत दिया है। इस फैसले को किसानों को सशक्त बनाने के कदन के रूप में भी देखा जा रहा है।
कोऑपरेटिव्स से जुड़े घोटालों पर भी लगेगी लगाम?
देश में पिछले कुछ सालों में कोऑपरेटिव्स से जुड़े घोटालों में काफी इजाफा हुआ है। इन पर अंकुश लगाने के लिए भी एक कानूनी फ्रेमवर्क की जरूरत है। हाल ही में महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की है।
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