देश के गौरवशाली इतिहास का अध्ययन और उसका अनुसरण करने की आवश्यकताः राज्यपाल
उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि आज देश में उत्साह का महौल है परन्तु हमें यह चिन्तन करने की आवश्यकता है कि हमने 75 वर्षों में क्या खोया और क्या हासिल किया है। उन्होंने कहा कि भारत में हजारों वर्षों से समृद्ध संस्कृति रही है। उन्होंने कहा कि हमें 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। आजादी के बाद अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हमने अन्य देशों से आशाएं रखीं और उनके माॅडल अनुकरण करना आरम्भ किया।
शिमला । राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि भारत पुनः विश्वगुरू बने यह हर भारतीय का स्वप्न है और आज इसे हकीकत में परिवर्तित करने का समय आ गया है। इस स्वप्न को पूरा करने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर हमें किसी न किसी रूप में योगदान करने का प्रण लेना चाहिए।
वह सुनील उपाध्याय की पुण्यतिथि के अवसर पर आज यहां गयेटी थियेटर में सुनील उपाध्याय एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा आजादी के 75 वर्ष विषय पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि आज देश में उत्साह का महौल है परन्तु हमें यह चिन्तन करने की आवश्यकता है कि हमने 75 वर्षों में क्या खोया और क्या हासिल किया है। उन्होंने कहा कि भारत में हजारों वर्षों से समृद्ध संस्कृति रही है। उन्होंने कहा कि हमें 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। आजादी के बाद अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हमने अन्य देशों से आशाएं रखीं और उनके माॅडल अनुकरण करना आरम्भ किया। उन्होंने कहा कि आजादी से पूर्व लोगों के मस्तिष्क में देश प्रेम की जो भावना थी, उसमें आजादी के उपरान्त कहीं कमी नजर आने लगी। इसके प्रति आत्ममंथन करने की नितांत आवश्यकता रही।
राज्यपाल ने कहा कि हम सभी का कर्तव्य है कि इस वातावरण को बदलने के लिए प्रयास करें। आज देश को सशक्त नेतृत्व प्राप्त हुआ है और देश में अलग तरह के वातावरण के निर्माण हुआ है। इस बदले परिवेश में हम सभी को देश के विकास के लिए अपना योगदान देना करना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित स्मारिका का विमोचन भी किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर सात स्वतंत्रता सेनानियों को राष्ट्र के लिए उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित भी किया।
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सुनील उपाध्याय ने समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को हिमाचल में मजबूत संगठन के रूप में स्थापित किया। उन्होंने स्वतंत्रता आन्दोलन से सम्बन्धित अनेक ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि आज देश में पाश्चात्य विचारधारा को मानने वाले लोग हैं, लेकिन हमें अपने गौरवशाली इतिहास का अध्ययन करने और उसका अनुसरण करने की आवश्यकता है। विशिष्ट अतिथि आशीष चैहान ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। सुनील उपाध्याय एजुकेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. सुनील कुमार गुप्ता ने राज्यपाल का स्वागत किया और ट्रस्ट की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।
ट्रस्ट के सचिव डाॅ. सुरेन्द्र शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। महाधिवक्ता अशोक शर्मा, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के कुलपति प्रो. सिकन्दर कुमार, गुडि़या सक्षम बोर्ड की उपाध्यक्षा रूपा शर्मा, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सदस्य डाॅ. नागेश ठाकुर और अन्य गणमान्य लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।
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