NCP ने की Ajit Pawar समेत आठ अन्य विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग, दायर की गई याचिका

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शरद पवार द्वारा 1999 में स्थापित पार्टी को रविवार दोपहर उस समय विभाजन का सामना करना पड़ा, जब उनके भतीजे अजित पवार उपमुख्यमंत्री के रूप में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए। सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने वाले राकांपा के आठ अन्य विधायकों में शरद पवार के वफादार रहे छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल भी शामिल हैं।

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष एक याचिका दायर कर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और मंत्री पद की शपथ लेने वाले पार्टी के अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की है। सूत्रों के अनुसार, जितेंद्र आव्हाड ने रविवार देर रात नार्वेकर के आवास पर याचिका भेजी। अजित पवार के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने के बाद राकांपा ने आव्हाड को महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया है।

नार्वेकर के कार्यालय से संपर्क करने पर उसने याचिका मिलने की पुष्टि की। राकांपा की अनुशासनात्मक समिति ने भी नौ विधायकों को अयोग्य घोषित करने के संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया है। समिति के प्रमुख जयप्रकाश दांडेगावकर ने प्रस्ताव पारित होने के बाद रविवार देर शाम राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को एक रिपोर्ट सौंपी। प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘नौ विधायकों का यह कृत्य उन्हें तत्काल अयोग्य ठहराने के काबिल है क्योंकि ऐसे दलबदल न केवल पार्टी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि अगर उन्हें विधानसभा सदस्य बने रहने दिया जाता है तो इसकी बहुत ज्यादा आशंका है कि वे पार्टी के हितों को कमजोर करने की कोशिश करते रहेंगे।’’

इसमें कहा गया है कि ये दलबदल ‘‘पार्टी अध्यक्ष की जानकारी या सहमति के बिना’’ इतने गोपनीय तरीके से किया गया है कि ये पार्टी छोड़ने के समान हैं जिसके कारण उन्हें अयोग्य ठहराया जाना चाहिए। प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘हम इस पर संज्ञान लेते हैं और निर्देश देते हैं कि भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची के साथ ही पार्टी के संविधान और नियमों के अनुसार उचित कदम उठाए जाएं। प्रक्रिया के अनुसार पार्टी अध्यक्ष शरद पवार को सूचना दे दी गयी है और इस पर चर्चा की गयी है।’’ राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने रविवार को कहा था कि उनकी पार्टी ने अजित पवार तथा आठ अन्य के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग को भी एक ई-मेल भेजा गया है, जिसमें बताया गया है कि राकांपा के नेता और कार्यकर्ता पार्टी प्रमुख शरद पवार के साथ हैं।

शरद पवार द्वारा 1999 में स्थापित पार्टी को रविवार दोपहर उस समय विभाजन का सामना करना पड़ा, जब उनके भतीजे अजित पवार उपमुख्यमंत्री के रूप में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए। सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने वाले राकांपा के आठ अन्य विधायकों में शरद पवार के वफादार रहे छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल भी शामिल हैं। पाटिल ने कहा कि इन विधायको को ‘‘गद्दार नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह अभी साबित नहीं हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कई विधायक हमारे संपर्क में हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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