झंडा चढ़ाने की रस्म के साथ माता के जयकारों के बीच शरदीय नवरात्र मेला की शुरूआत

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ज्वालामुखी के एस डी एम ज्वालामुखी धनबीर ठाकुर ने बताया कि नवरात्रों में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये प्रशासन ने सभी प्रबन्ध किये गये हैं। कोविड ्रोटोकाल के तहत दर्शन कराये जा रहे है। उन्होंने कहा कि नवरात्र के दौरान शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर भी विशेष प्रबंध किए गये हैं,जिसके लिए अतिरिक्त सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है

शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगडा के ज्वालामुखी में आज झंडा चढ़ाने की रस्म के साथ शरदीय नवरात्र मेला का विधिवत शुभारंभ हो गया। स्थानीय विधायक रमेश धवाला की मौजूदगी में  मंदिर न्यास के मंदिर अधिकारी दीना नाथ यादव ने मंदिर में झंडा चढ़ाया।  यहां दर्शनों के लिये सुबह से ही बड़ी तादाद में श्रद्धालु जुटे हैं। मंदिर परिसर माता के जयकारों से गूंज रहा है।

 

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यहां  नवरात्र मेला के दौरान ज्वालामुखी मंदिर की आभा में चार चांद लग गये हैं । देश के विभिन्न भागों से आने वाले मां के भक्त आजकल ज्वालाजी में अपने विश्वास श्रद्धा और भक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं । कुछ ऐसा ही वातावरण जिला कांगडा के ब्रजेंशवरी देवी, चामुंडा नंदिकेशवर धाम व माता चिंतपुर्णी में देखने को मिल रहा है। 

मंदिर  के गर्भगृह में नौ ज्योतियां जल रही हैं । इनके नाम महाकाली , अन्नपूर्णा , चण्डी, हिंगलाज , विंध्यवासिनी , महालक्ष्मी , सरस्वती , अम्बिका तथा अन्जना हैं । इनकी श्रद्घालु परिक्रमा करते हैं । विश्व में शायद यही ऐसा देवालय है जहां प्रतिमा की पूजा नहीं होती । व जल रही ज्योति ही शक्ति का साक्षात स्वरूप है   ।  देश -दुनिया के तीर्थ यात्रियों का यह पसंदीदा तीर्थ बन गया है ।

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मन्दिर में आरती के समय बड़ा ही अदभुत नजारा देखने को मिलता है। मन्दिर में पाँच आरतियाँ की जाती हैं। पहली मंगल आरती मन्दिर के कपाट खुलते ही सुबह पाँच बजे की जाती है। इस के साथ ही दूसरी आरती और दोपहर की आरती 12 बजे की जाती है। आरती के साथ साथ माता को भोग भी लगाया जाता है। फिर शाम 7 बजे संध्या आरती की जाती है। इस के बाद देवी की शयन शैय्या को तैयार किया जाता है और उसे फूलों और सुगन्धित सामग्री से सजाया जाता है। इस के बाद रात्रि  साढ़े 9 बजे माता की शयन आरती की जाती है जिस में बड़ी संख्या में आये हुये श्रद्धालु भाग लेते हैं।

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ज्वालामुखी के  एस डी एम ज्वालामुखी धनबीर ठाकुर ने बताया कि नवरात्रों में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये प्रशासन ने सभी प्रबन्ध किये गये हैं। कोविड ्रोटोकाल के तहत दर्शन कराये जा रहे है। उन्होंने कहा कि नवरात्र के दौरान शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर  भी विशेष प्रबंध किए गये हैं,जिसके लिए अतिरिक्त सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है, जिन्हें अन्य सफाई कर्मियों के साथ मंदिर व शहर की सफाई का जिम्मा सौंपा गया है। 

नवरात्रों के दौरान मंदिर व शहर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी खास प्रबंध किए गये हैं, इसके लिए शहर के विभिन्न भागों में सुरक्षा केंद्र स्थापित किए गये हैं, जिनके माध्यम से सुरक्षा कर्मी दिन-रात मंदिर व शहर की सुरक्षा पर कड़ी नजर रखेंगे। नवरात्रों के दौरान मंदिर परिसर में ही यात्रियों की सुविधा के लिए  अस्थाई स्वास्थ्य शिविर की स्थापना भी की गई है , जो श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य संम्बधी शिकायतों का मंदिर परिसर में ही समाधान करेगा।

 

 

इसी तरह स्वास्थ्य विभाग भी नवरात्र के दौरान सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों को ढक़ कर रखने व मूल्य सूची टांगने के निर्देश दुकानदारों को दिये हैं।  वहीं मेले के दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने तथा श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत प्रशासन ने नगर परिषद ज्वालामुखी की परिधि में हथियार, गोलाबारूद तथा विस्फोटक सामग्री साथ रखने एवं उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। नवरात्र मेला के दौरान 17 अक्तूबर, 2021 तक यह प्रतिबंध लागू रहेगा। उपमंडलाधिकारी ज्वालामुखी धनबीर ठाकुर ने नगर परिषद ज्वालामुखी में तेजधार हथियार, आग्नेय शस्त्र तथा विस्फोटक सामग्री ने जाने के लिए प्रतिबंध लगाया है।

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