UP Election 2022 । दूसरे चरण में भी भाजपा के लिए चुनौतियां कम नहीं, अब मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में लड़ाई

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अंकित सिंह । Feb 11 2022 1:47PM

दूसरे चरण में मुस्लिम मतदाताओं का बोलबाला है। हालांकि जाट, कुर्मी और लोधी वोटर भी काफी निर्णायक भूमिका में होते हैं। सैनी और मौर्य के साथ-साथ दलित भी किंग मेकर की भूमिका में आ जाते हैं। जिन क्षेत्रों में दूसरे चरण में विधानसभा के चुनाव होने हैं वह समाजवादी पार्टी का पुराना गढ़ माना जाता है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं। 7 चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों लगातार प्रचार में ताकत दिखा रहे हैं। पहले चरण के लिए मतदान हो चुका है। पहले चरण में जाटलैंड में वोटिंग थी। लेकिन अब दूसरे चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से और रूहेलखंड में है। भाजपा के लिए यहां भी चुनौतियां बड़ी है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो दूसरे चरण में भाजपा की चुनौतियां ज्यादा इसलिए भी है क्योंकि मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में चुनाव होने हैं। 

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2017 का हाल

दूसरे चरण की बात करें तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, बिजनौर और अमरोहा में चुनाव होने हैं जबकि रुहेलखंड इलाके के संभल, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, बदायूं और शाहजहांपुर में चुनाव होने हैं। इस चरण में 55 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा ने 55 में से 38 सीटों को अपने नाम किया था जबकि सपा के खाते में 15 सीट गई थी। कांग्रेस को 2 सीटों पर जीत मिली थी। बसपा के खाते में 1 सीट भी नहीं गई थी। 

मुस्लिम वोटर बेहद महत्वपूर्ण

दूसरे चरण में मुस्लिम मतदाताओं का बोलबाला है। हालांकि जाट, कुर्मी और लोधी वोटर भी काफी निर्णायक भूमिका में होते हैं। सैनी और मौर्य के साथ-साथ दलित भी किंग मेकर की भूमिका में आ जाते हैं। जिन क्षेत्रों में दूसरे चरण में विधानसभा के चुनाव होने हैं वह समाजवादी पार्टी का पुराना गढ़ माना जाता है। 2017 में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था और सपा का पलड़ा भारी रहा था। सपा और कांग्रेस के जिन 17 उम्मीदवारों को जीत मिली थी उनमें 16 मुस्लिम थे। 2019 में मोदी लहर के बावजूद भी इस क्षेत्र के 11 संसदीय सीटों पर सपा-बसपा गठबंधन का  दबा रहा। 11 में से 7 सीटों पर गठबंधन ने जीत हासिल की थी। सहारनपुर नगीना बिजनौर और अमरोहा से बसपा ने जीत हासिल की थी जबकि मुरादाबाद, संभल और रामपुर में सपा को जीत मिली थी। 

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विश्लेषकों का मानना है कि अगर मुस्लिम वोटों में बिखराव होता है तो भाजपा के लिए यह ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। इन 55 सीटों पर सपा गठबंधन के 18, बसपा के 23, कांग्रेस के 21 और ओवैसी के पार्टी के 15 मुस्लिम उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। सहारनपुर में 41.95 फ़ीसदी मुसलमान है जबकि बिजनौर में 43.04 फ़ीसदी हैं। अमरोहा में 40.04 फ़ीसदी, संभल में 32.88 फ़ीसदी, मुरादाबाद में 50.80 फ़ीसदी, रामपुर में 50.57 फ़ीसदी, बरेली में 34.54 फीसदी, बदायूं में 23.26 फीसदी और शाहजहांपुर में 17.55 फीसदी मुस्लिम आबादी है।  

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