सीटों के बंटवारे के बाद ही एमवीए का सीएम चेहरा तय किया जाएगा- आदित्य ठाकरे

Aditya Thackeray
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शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि ''अगर अडानी समूह द्वारा धारावी परियोजना को लागू किया जाता है तो एशिया के सबसे बड़े स्लम क्षेत्र धारावी में 1.5 लाख परिवार, लगभग 4 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो जाएंगे।''

मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने आज यहां कहा कि “सीटों के बंटवारे के बाद ही महा विकास अघाड़ी का मुख्यमंत्री चेहरा तय किया जाएगा”। उन्होंने कहा,  इस बार का विधानसभा चुनाव “अडानीकरण का समर्थन करने वालों और न करने वालों के बीच की लड़ाई है”।

यह पूछे जाने पर कि महा विकास अघाड़ी ने अभी तक अपने मुख्यमंत्री चेहरे के बारे में फैसला क्यों नहीं किया है, आदित्य ठाकरे ने जवाब दिया: “मुझे लगता है, हमें पहले सीटों को लेकर सभी ‘गड़बड़’ दूर कर लेनी चाहिए। हमने अपनी ओर से तय किया है कि जो व्यक्ति महाराष्ट्र के हितों की बात करेगा, वही सीएम होगा। लेकिन एक बात, ज़्यादातर सर्वे और ट्रैकर्स, राज्य के लोग अभी भी उद्धव जी के शासन को याद करते हैं। ख़ासकर कोविड महामारी के दौरान जिस तरह से उन्होंने राज्य में उद्योग लाने की कोशिश की, किसानों, महिलाओं, युवाओं, गरीबों और उद्योगपतियों ने उन पर भरोसा किया। उन्हें लगा जैसे उद्धव बालासाहेब ठाकरे उनके परिवार का हिस्सा हैं। वह स्नेह बना हुआ है और आज भी दिखता है। तो जवाब साफ है।”

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आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र चुनाव पर इंडिया टीवी के दिन भर चलने वाले चुनाव मंच सम्मेलन में सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, “सीटों का बंटवारा एक ऐसा मामला है जहाँ ‘खींचातानी’ होती है। हमारी पार्टी ने कल पहली लिस्ट जारी की, हमें उम्मीद है कि कांग्रेस और एनसीपी (एस) दोनों भी अपनी लिस्ट जारी करेंगे ताकि उम्मीदवार जल्द ही नामांकन दाखिल कर सकें।”

यह पूछे जाने पर कि क्या सहयोगियों के बीच कोई ‘बड़े भाई’ वाला रवैया है, ठाकरे ने जवाब दिया: “मैं बहुत छोटा हूं। मैं उस स्तर पर नहीं हूं। बड़ा भाई, छोटा भाई का कोई सवाल ही नहीं है। हमारा एकमात्र उद्देश्य अधिकतम सीटें जीतना है ताकि हम सरकार बना सकें।” शिवसेना (यूबीटी) नेता ने आरोप लगाया कि “अगर अडानी समूह द्वारा धारावी परियोजना को लागू किया जाता है तो एशिया के सबसे बड़े स्लम क्षेत्र धारावी में 1.5 लाख परिवार, लगभग 4 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो जाएंगे।”

धारावी परियोजना, जिसकी राजस्व क्षमता 20,000 करोड़ रुपये है, का उद्देश्य बीकेसी व्यापारिक जिले के पास मुंबई में विशाल स्लम क्षेत्र का पुनर्निर्माण करना है, और डीएलएफ एवं अन्य डेवलपर्स जैसे रियल्टी दिग्गजों की प्रतिस्पर्धी बोली के बाद नवंबर, 2022 में अडानी प्रॉपर्टीज को टेंडर दिया जा चुका है। परियोजना के तहत, जो लोग 2000 से पहले धारावी में रहते थे, उन्हें मुफ्त घर मिलेंगे, और लगभग सात लाख लोगों को आवास प्रदान किया जाएगा। 

यह पूछे जाने पर कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो इस प्रोजेक्ट के बारे में क्या करेगी, आदित्य ठाकरे ने जवाब दिया: “हम अडानी समूह से पूछेंगे कि क्या वे टेंडर की शर्तों का पालन करेंगे। हम अतिरिक्त प्रीमियम और बीएमसी प्रीमियम की छूट को हटा देंगे जो अभी दी गई है। हम मुंबई के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही आगे बढ़ेंगे। हम टेंडर के दायरे से बाहर अडानी समूह को दी गई छूट का विरोध करते हैं। अडानी जी से हमारी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है, न ही यह कोई व्यक्तिगत मुद्दा है, लेकिन अगर कोई मुंबई को लूटने की कोशिश करता है, तो हम ऐसा नहीं होने देंगे।”

आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार के “रिपोर्ट कार्ड” को “डिपोर्ट कार्ड” बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दो सालों में महाराष्ट्र से कई उद्योग गुजरात जैसे दूसरे राज्यों में चले गए। अगर हमारी पार्टी सत्ता में होती, तो वेदांता-फॉक्सकॉन यूनिट पुणे में आती, लेकिन भाजपा-शिंदे सरकार के दौरान उन्हें गुजरात जाने के लिए मजबूर किया गया। आखिरकार वेदांता-फॉक्सकॉन गुजरात के धोलेरा से भी दूर चली गई। हार हमारे देश की हुई।” 

चुनाव मंच में आदित्य ठाकरे का पूरा इंटरव्यू इस ट्विटर लिंक पर देखें:

https://twitter.com/IndiaTVHindi/status/1849402814302408898

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