MUDA Case: कपिल सिब्बल बोले- राज्यपाल कार्यालय का हो रहा दुरुपयोग, सरकारों को गिराने की हो रही कोशिश

kapil sibal
ANI
अंकित सिंह । Sep 25 2024 10:49AM

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संविधान में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि राज्यपाल अभियोजन की मंजूरी दे सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर सीएम के खिलाफ कोई मामला है तो मंजूरी देने के लिए राज्यपाल सक्षम प्राधिकारी हैं।

कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल की मंजूरी को बरकरार रखने के एक दिन बाद, राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भाजपा की आलोचना की और उस पर एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने और गिराने के लिए कपटपूर्ण तरीके अपनाने का आरोप लगाया। कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य सरकारों को गिराने के लिए राज्यपाल के कार्यालय का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दलों को यह मुद्दा उठाना चाहिए क्योंकि यह संघीय ढांचे के खिलाफ है। इस प्रकार के राज्यपालों को हटाया जाना चाहिए और इसके खिलाफ एक राष्ट्रीय आंदोलन होना चाहिए। 

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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संविधान में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि राज्यपाल अभियोजन की मंजूरी दे सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर सीएम के खिलाफ कोई मामला है तो मंजूरी देने के लिए राज्यपाल सक्षम प्राधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि यह अदालतें हैं जो तय करती हैं कि कोई उल्लंघन हुआ है या नहीं। राज्यपाल बिना किसी मजिस्ट्रियल जांच के यह कैसे तय कर सकते हैं कि आरोपियों पर लगे आरोप सही हैं? राज्यपाल को न्यायाधीश बनकर यह निर्णय लेने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है कि कोई आपराधिक अपराध हुआ है या नहीं। पहले जांच कराई जाए फिर मंजूरी दी जाए। 

मुख्यमंत्री ने मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा (एमयूडीए) पॉश क्षेत्र में उनकी पत्नी को किये गये 14 भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में उनके खिलाफ राज्यपाल थारवरचंद गहलोत द्वारा दी गयी जांच की मंजूरी को चुनौती दी थी। सिब्बल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अब कर्नाटक। चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने तथा गिराने के लिए भाजपा के कपटी तरीके : विधायकों को लालच देना, दसवीं अनुसूची का दुरुपयोग करना, डर पैदा करना (ईडी, सीबीआई) और राज्यपालों का अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों के इतर काम करना।’’ 

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कांग्रेस ने भूखंड आवंटन मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की याचिका खारिज किए जाने के बाद मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार प्रदेश की लोकप्रिय सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है तथा राज्यपाल के कार्यालय का निरंतर दुरुपयोग कर रही है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि कांग्रेस झुकने वाली नहीं है और वह केंद्र सरकार के नापाक इरादों के खिलाफ कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह से लड़ाई लड़ेगी। 

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