मोदी बातें तो वाजपेयी की तरह करते हैं लेकिन उनकी तरह बर्ताव नहीं करते: शशि थरूर
वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार सही बातें कहकर अटल बिहारी वाजपेयी के कुछ लक्षण दिखाते हैं लेकिन अपनी कथनी को करनी में तब्दील नहीं करते।
नयी दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार सही बातें कहकर अटल बिहारी वाजपेयी के कुछ लक्षण दिखाते हैं लेकिन अपनी कथनी को करनी में तब्दील नहीं करते। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी ने सार्वजनिक रूप से जो कुछ कहा है, उसे अमलीजामा पहनाकर देश की बेहतर सेवा कर सकते हैं। थरूर ने यहां पत्रकार सागरिका घोष द्वारा लिखित वाजपेयी की जीवनी (बायोग्राफी) के विमोचन के मौके पर परिचर्चा में कहा, ‘‘कभी-कभी अपने भाषणों में वह सभी सही बातें कहकर अपने अंदरूनी वाजपेयी को दिशा देते हुए जान पड़ते हैं लेकिन वह उन्हें अमलीजामा नहीं पहनाते। यही असली फर्क है।’’
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उन्होंने मोदी के कश्मीर दौरे को याद किया जहां उन्होंने (मोदी ने) पर्यटन को बढ़ावा देने की चर्चा की थी और युवाओं से आतंकवाद का मार्ग छोड़ने की अपील की थी। थरूर ने कहा, ‘‘जो बातें उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहीं हैं, उनमें से कुछ को वह यदि लागू करना शुरू कर दें तो वह देश की बेहतर सेवा कर सकते हैं।’’ वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने वाजपेयी को सहमति निर्माता बताया जो संसद में व्यवधान से परेशान हो जाते थे।
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उन्होंने कहा, ‘‘वाजपेयी सहमति निर्माता थे। वह विश्वास करते थे कि लोकतंत्र सहमति से चलना चाहिए न कि संख्याबल पर।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज की संसद की बात की जाए, तो मैं व्यक्तिगत रूप से सोचता हूं कि जब प्रधानमंत्री संसद में पहुंचे तो पूरा सत्तारूढ़ दल चिल्लाने लगा, जो लोकसभा में अबतक का सबसे विद्रूप दृश्य है। मैंने कभी कल्पना नहीं की कि संसद में ऐसी चीज होगी।’’ सिन्हा ने 2018 में भाजपा छोड़ दी थी और अब वह तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं।
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