EEF में बोले मोदी, भारत-रूस की भागीदारी का पेड़ अपनी जड़े गहरी कर रहा
प्धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सोवियत रूस के वक्त भी भारत-रूस का रिश्ता मजबूत था। व्लादिवोस्तोक दोनों देशों के लिए एक अहम स्थान बना है, भारत ने यहां पर एनर्जी सेक्टर और दूसरे रिसॉर्स में निवेश किया है।
रूस के व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकॉनमिक फोरम में पीएम मोदी ने संबोधन दिया। मोदी ने न्योते के लिए पुतिन का आभार जताते हुए कहा कि मैं इस आमंत्रण के लिए राष्ट्रपति पुतनि का आभार व्यक्त करता हूं। राष्ट्रपति पुतिन ने मुझे यह निमंत्रण आम चुनाव के पहले दिया था। 130 करोड़ भारतीयों ने राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण और मुझ पर भरोसा जताया। भारत और पूर्वी हिस्से का रिश्ता बहुत पुराना है, भारत पहला देश है जिसने यहां पर अपना दूतावास खोला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सोवियत रूस के वक्त भी भारत-रूस का रिश्ता मजबूत था।
PM Shri @narendramodi is addressing the Eastern Economic Forum in Vladivostok. Watch LIVE at https://t.co/qd8XpHVH8E pic.twitter.com/gaxaanu6Mp
— BJP LIVE (@BJPLive) September 5, 2019
व्लादिवोस्तोक दोनों देशों के लिए एक अहम स्थान बना है, भारत ने यहां पर एनर्जी सेक्टर और दूसरे रिसॉर्स में निवेश किया है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत कदम से कदम मिलाकर रूस के साथ चलना चाहता है। भारत में हम सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के साथ आगे बढ़ रहे हैं, 2024 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। भारत और रूस के बीच करीब 50 से अधिक समझौते हुए हैं। भारत प्रकृति को बचाने के लिए कई कदम उठा रहा है। PM मोदी ने कहा कि पूर्वी हिस्से में विकास के लिए भारत 1 बिलियन डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट देगा।
कल राष्ट्रपति पुतिन के साथ मैंने स्ट्रीट ऑफ दि फार ईस्ट इग्जिबिशन देखी। यहां की विविधता, लोगों की प्रतिभा और टेक्नॉलजी के विकास ने मुझे बहुत प्रभावित किया है। इनमें प्रगति और सहयोग की अपार संभावनाएं मैंने महसूस की है: पीएम @narendramodi https://t.co/qd8XpHVH8E
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