भ्रष्टाचार को लेकर पहले की सरकारों पर बरसे मोदी, कहा- आज बिना बिचौलियों के भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा
मोदी ने पहले की सरकारों पर प्रहार करते हुए कहा कि पहले जिस तरह सरकारें और व्यवस्थाएं चलीं उनमें प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों इच्छाशक्ति की कमी थी। आज भ्रष्टाचार पर प्रहार की राजनीतिक इच्छाशक्ति है और प्रशासनिक स्तर पर निरंतर सुधार भी किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केंद्रीय सतर्कता आयोग और केंद्रीय जांच ब्यूरो के संयुक्त सम्मेलन में को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानममंत्री ने कहा कि आज हम भारत की आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आने वाले 25 वर्ष, यानि इस अमृतकाल में आत्मनिर्भर भारत के विराट संकल्पों की सिद्धि की तरफ देश बढ़ रहा है। आज हम गुड गवर्नेंस- प्रो पीपल, प्रोएक्टिव गवर्नेंस को सशक्त करने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से जुड़ी नई चुनौतियों के सार्थक समाधान तलाशने के लिए आप सब सरदार वल्लभ भाई पटेल के सानिध्य में महामंथन के लिए जुटे हैं। सरदार पटेल ने हमेशा गवर्नेंस को भारत के विकास का, जन सरोकार का, जन हित का आधार बनाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
मोदी ने पहले की सरकारों पर प्रहार करते हुए कहा कि पहले जिस तरह सरकारें और व्यवस्थाएं चलीं उनमें प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों इच्छाशक्ति की कमी थी। आज भ्रष्टाचार पर प्रहार की राजनीतिक इच्छाशक्ति है और प्रशासनिक स्तर पर निरंतर सुधार भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीते 6-7 सालों के निरंतर प्रयासों से हम देश में एक विश्वास कायम करने में सफल हुए हैं कि बढ़ते हुए भ्रष्टाचार को रोकना संभव है। आज देश को ये विश्वास हुआ है कि बिना कुछ लेन-देन के, बिना बिचौलियों के भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है।आज देश में जो सरकार है, वो देश के नागरिकों पर ट्रस्ट करती है, उन्हें शंका की नजर से नहीं देखती।
— BJP (@BJP4India) October 20, 2021
इस भरोसे ने भी भ्रष्टाचार के अनेकों रास्तों को बंद किया है।
इसलिए दस्तावेज़ों की वैरीफिकेशन के लेयर्स को हटाकर, करप्शन और अनावश्यक परेशानी से बचाने का रास्ता बनाया है- पीएम pic.twitter.com/qKDfdf5Eiv
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मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार-करप्शन, छोटा हो या बड़ा, वो किसी ना किसी का हक छीनता है। ये देश के सामान्य नागरिक को उसके अधिकारों से वंचित करता है, राष्ट्र की प्रगति में बाधक होता है और एक राष्ट्र के रूप में हमारी सामूहिक शक्ति को भी प्रभावित करता है। बीते 6-7 सालों के निरंतर प्रयासों से हम देश में एक विश्वास कायम करने में सफल हुए हैं, कि बढ़ते हुए करप्शन को रोकना संभव है। आज देश को ये विश्वास हुआ है कि बिना कुछ लेन-देन के, बिना बिचौलियों के भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है। और आज देश को ये भी विश्वास हुआ है कि देश को धोखा देने वाले, गरीब को लूटने वाले, कितने भी ताकतवर क्यों ना हो, देश और दुनिया में कहीं भी हों, अब उन पर रहम नहीं किया जाता, सरकार उनको छोड़ती नहीं है।
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