गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त न कर नकारात्मक संदेश दे रहे हैं मोदी : प्रियंका
लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।
बहराइच/लखनऊ| सात अक्टूबर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखीमपुर खीरी कांड मामले को लेकर विवादों में घिरे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त न करके संदेश दे रहे हैं कि इस देश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता कुछ भी कर सकते हैं और उनके राज में आम जनता और गरीबों को न्याय नहीं मिल सकता।
लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए बहराइच के मोहरनिया निवासी किसान गुरविंदर सिंह के परिजन से मुलाकात करने आई प्रियंका गांधी ने संवाददाताओं से कहा, गृह राज्य मंत्री ने यदि इस्तीफा नहीं दिया या उन्हें बर्खास्त नहीं किया गया, तो इसका मतलब यह होगा कि इस देश की सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता को संदेश दे रहे हैं कि अगर कोई सत्ता में है, मंत्री है, भाजपा में है, तो वह कुछ भी कर सकता है।
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उन्होंने कहा, इस देश में आम जनता, गरीबों, किसानों, दलितों और महिलाओं के लिए कोई न्याय नहीं है। मैं नरेंद्र मोदी जी से कहना चाहती हूं कि इस घटनाक्रम से आप देश की जनता को यही संदेश दे रहे हैं। प्रियंका ने कहा, प्रधानमंत्री अपनी कैबिनेट में ऐसे मंत्री को रखे हुए हैं, जिसका आपराधिक रिकॉर्ड है और जिसके बेटे पर हत्या का संगीन आरोप लगा है।
आखिर वह मंत्री कैबिनेट में क्यों बना हुआ है? उसे बर्खास्त क्यों नहीं किया गया? उन्होंने लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य अभियुक्त और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा द्वारा टीवी चैनलों से बेधड़क बातचीत किए जाने पर निशाना साधते हुए कहा, हर जगह नाकाबंदी है। हम लोग ऐसे आये हैं, जैसे चोर हों और उनका बेटा बैठ कर साक्षात्कार दे रहा है। उसके पिता मंत्री हैं और आप बोलते हैं कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था नंबर वन है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, हम सभी मृतक किसानों के परिवारों से मिले हैं। उन सबका यह कहना है कि उन्हें मुआवजे से कोई मतलब नहीं है। उन्हें सिर्फ गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी, अपराधियों की गिरफ्तारी और इंसाफ से मतलब है।
प्रियंका का काफिला बाराबंकी से बहराइच प्रवेश करते समय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू होने के कारण घाघरा घाट पुल के पास प्रशासन ने थोड़ी देर के लिए रोक दिया। इसके विरोध में प्रियंका के साथ चल रहे तथा उनके स्वागत में खड़े कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
मौके पर मौजूद मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारियों के साथ काफी देर जद्दोजहद के बाद प्रियंका के साथ आए कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और तनुज पुनिया के वाहन सहित सिर्फ दो गाड़ियों को आगे जाने की इजाजत दी गयी। इससे पहले, प्रियंका ने बहराइच रवाना होने से पहले लखनऊ में संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने उन्हें रोकने के लिए पूरी पुलिस लगा दी और पीड़ित परिवारों के गांवों को भी छावनी बना दिया गया, मगर जिन लोगों ने लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी के नीचे कुचल कर मार डाला, पुलिस उनके गिरेबान तक पहुंचने की हिम्मत नहीं दिखा पा रही है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों को जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट दी गई है उसमें कुछ भी साफ तौर पर पढ़ा नहीं जा पा रहा है। उन्होंने कहा कि परिवारों को फोटो कॉपी की भी फोटो कॉपी दी गई है।
प्रियंका ने कहा, मैं लोकतंत्र, न्याय और अधिकार के लिए लडूंगी। जब तक मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त नहीं किया जाता और उनका बेटा गिरफ्तार नहीं होता, तब तक मैं अडिग रहूंगी। मैंने पीड़ित परिवारों को यह वचन दिया है।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।
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इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच के लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने आज एक सदस्यीय न्यायिक आयोग घोषित किया। आयोग की कमान इलाहाबाद उच्च न्यायालय के (सेवानिवृत्त) न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को सौंपी गयी है।
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