PM Modi Big Challenge Rahul Gandhi: संसद शुरू होते ही मोदी ने राहुल को दिया तगड़ा चैलेंज
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह बार-बार विपक्ष के साथियों से आग्रह करते रहे हैं और कुछ विपक्षी साथी भी चाहते हैं कि सदन में सुचारू रूप से काम हो। उन्होंने कहा कि लेकिन जिनको जनता ने लगातार नकारा है, वे अपने साथियों की बात को भी नकार देते हैं और उनकी एवं लोकतंत्र की भावनाओं का अनादर करते हैं।
चार सप्ताह के संसद शीतकालीन सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने एक उत्पादक सत्र के लिए अपनी आशा व्यक्त की, जिसमें कहा गया कि संसद के अंदर का मूड सर्दियों के मौसम की शांत और संयमित गुणवत्ता को प्रतिबिंबित करना चाहिए। भारत के मतदाता लोकतंत्र के प्रति समर्पित हैं, उनका समर्पण संविधान के प्रति है, उनकी आस्था संसदीय कार्य प्रणाली के प्रति है, संसद में बैठे हम सभी लोगों को जनभावनाओं पर खरा उतरना होगा और यही समय की मांग है इसकी भरपाई का एकमात्र तरीका यह है कि हमें सदन में हर विषय के विभिन्न पहलुओं को उजागर करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर भी कटाक्ष किया और दावा किया कि चुनावों में जनता द्वारा बार-बार खारिज किए जाने के बावजूद कुछ लोग संसद पर नियंत्रण हासिल करने के लिए गुंडागर्दी का इस्तेमाल करते हैं।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि वह बार-बार विपक्ष के साथियों से आग्रह करते रहे हैं और कुछ विपक्षी साथी भी चाहते हैं कि सदन में सुचारू रूप से काम हो। उन्होंने कहा कि लेकिन जिनको जनता ने लगातार नकारा है, वे अपने साथियों की बात को भी नकार देते हैं और उनकी एवं लोकतंत्र की भावनाओं का अनादर करते हैं। मोदी ने कहा कि आज विश्व भारत की तरफ बहुत आशा भरी नजर से देख रहा है, इसलिए संसद के समय का उपयोग वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़े हुए सम्मान को बल प्रदान करने में भी किया जाना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि संसद का यह सत्र अनेक प्रकार से विशेष है और सबसे बड़ी बात यह है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है। संसद का यह शीतकालीन सत्र 26 दिनों तक प्रस्तावित है और इस दौरान 19 बैठकें होंगी। हालांकि, संविधान दिवस समारोह के मद्देनजर 26 नवंबर को संसद की बैठक नहीं होगी। संविधान दिवस पर मुख्य कार्यक्रम संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित किया गया है। संसद के दोनों सदनों के सदस्य इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। संसद के इसी केंद्रीय कक्ष में 26 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकार किया गया था।
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