आतंकवादी बनना चाहता था नेशनल कॉन्फ्रेंस का ये विधायक, एक ईमानदार अफसर के सुलूक ने दी जिंदगी को नई दिशा, विधानसभा में सुनाई अपनी कहानी

MLA of NC
@lolabjknc
अभिनय आकाश । Nov 9 2024 3:58PM

लोलाब से एनसी विधायक ने कहा कि उस घटना के बाद एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा सेना अधिकारी को फटकारने से सिस्टम में उनका विश्वास बहाल हुआ। उन्होंने कहा कि इस घटना ने दिखाया कि बातचीत से कैसे मुद्दों का समाधान निकाला जा सकता है। अपनी कहानी साझा करते हुए विधायक ने कहा कि जब मैं छोटा था तो मेरे क्षेत्र में एक दमनकारी कार्रवाई हुई थी।

आपने अक्सर फिल्मों में देखा होगा कि कोई गुमराह या भटका नौजवान सिस्टम की चपेट में आकर गलत रास्ता अख्तियार करता है। लेकिन उसे एक सच्चे और ईमानदारी अधिकारी की सीख सही रास्ते पर भी ले आती है। लेकिन ऐसा ही कुछ असल जीवन में भी हुआ है। नेशनल कांफ्रेंस के विधायक कैसर जमशेद लोन ने अपनी कहानी सुनाई कि कैसे उस समय सिस्टम में उनका विश्वास बहाल हुआ जब वह आतंकवादी बनना चाहते थे। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान बोलते हुए लोन ने कहा कि किशोराव्यस्था में एक सैन्य अधिकारी द्वारा प्रताड़ित और अपमानित होने के बाद वो आतंकवादी बनना चाहते थे।

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लोलाब से एनसी विधायक ने कहा कि उस घटना के बाद एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा सेना अधिकारी को फटकारने से सिस्टम में उनका विश्वास बहाल हुआ। उन्होंने कहा कि इस घटना ने दिखाया कि बातचीत से कैसे मुद्दों का समाधान निकाला जा सकता है। अपनी कहानी साझा करते हुए विधायक ने कहा कि जब मैं छोटा था तो मेरे क्षेत्र में एक दमनकारी कार्रवाई हुई थी। मैं 10वीं कक्षा का छात्र था। लोन ने सदन में अपने भाषण के दौरान कहा कि मेरा साथ ही 32 युवाओं को पूछताछ के लिए पकड़ा गया था। लोन ने बताया कि एक सेना अधिकारी ने एक ऐसे युवक के बारे में पूछा था जो आतंकवादियों में शामिल हो गया था। उन्होंने जवाब दिया कि वह उस युवक को जानते हैं क्योंकि वह उनके क्षेत्र में रहता है।

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एनसी विधायक ने कहा कि झे इसके लिए पीटा गया। फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या आतंकवादी कार्रवाई में मौजूद था। मैंने नकारात्मक जवाब दिया और मुझे फिर से पीटा गया। उन्होंने बताया कि बाद में एक वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर आए और उनसे बात की। नेकां नेता ने कहा कि उन्होंने मुझसे पूछा तुम जीवन में क्या बनना चाहते हो? मैंने उनसे कहा कि मैं एक उग्रवादी बनना चाहता हूं। उन्होंने मुझसे इसका कारण पूछा और मैंने उन्हें अपने साथ हुई यातना के बारे में बताया। लोन ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी ने अपने कनिष्ठ को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई जिससे उनका व्यवस्था में विश्वास बहाल हुआ। उन्होंने कहा कि बाद में उन्हें पता चला कि जिन 32 युवकों से पूछताछ की गई थी उनमें से 27 युवक उग्रवादी बन गए।

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