Srinagar Jamia Masjid में Mirwaiz Umar Farooq ने किया इमोशनल ड्रामा, पाक से वार्ता की वकालत की, मोदी के यूक्रेन युद्ध वाले बयान का जिक्र किया और भावुक हो गये

Mirwaiz Umar Farooq
ANI

मीरवाइज ने जामिया मस्जिद में शुक्रवार की नमाज की रहनुमाई की। इसके बाद उन्होंने कश्मीर मुद्दे का बातचीत के जरिए हल करने की अपनी पुरानी अपील को दोहराया। उन्होंने पाकिस्तान के साथ वार्ता की वकालत भी की।

अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक की चार साल बाद नजरबंदी से हुई रिहाई को लेकर जहां स्थानीय राजनीतिक दलों ने खुशी जताई है वहीं मीरवाइज के समर्थकों में भी हर्ष की लहर देखी जा रही है। हम आपको बता दें कि मीरवाइज कई धार्मिक संगठनों के भी प्रमुख हैं। शुक्रवार को रिहाई के बाद जब वह श्रीनगर की जामिया मस्जिद पहुँचे तो लोगों को हुजूम उन्हें देखने और उनकी तस्वीरों को अपने मोबाइल कैमरों में कैद करने के लिए उमड़ पड़ा। इस दौरान कई लोगों ने कहा कि मीरवाइज की रिहाई हमारे लिये साल में तीसरी ईद की तरह है। कुछ लोगों ने कहा कि कुछ और मौलवी भी अभी नजरबंद हैं उनकी भी रिहाई की जानी चाहिए।

हम आपको यह भी बता दें कि मीरवाइज ने जामिया मस्जिद में शुक्रवार की नमाज की रहनुमाई की। इसके बाद उन्होंने कश्मीर मुद्दे का बातचीत के जरिए हल करने की अपनी पुरानी अपील को दोहराया। उन्होंने पाकिस्तान के साथ वार्ता की वकालत भी की साथ ही उन्होंने कहा कि हमने हमेशा अपने कश्मीरी पंडित भाइयों को घाटी में लौटने के लिए कहा है। मीरवाइज उमर फारूक ने इस बात पर अफसोस जताया कि शांति की वकालत करने के बावजूद यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें ‘राष्ट्र-विरोधी, शांति-विरोधी और अलगाववादी करार दे दिया गया। अपने भाषण के दौरान मीरवाइज कई बार भावुक हुए और उनके आंसू भी छलके। उन्होंने कहा कि नजरबंदी का दौर मेरे लिए सबसे कठिन समय था। उन्होंने कहा कि पिता की मौत के बाद सबसे मुश्किल समय नजरबंदी का था।

इसे भी पढ़ें: कश्मीर के राजनीतिक दलों ने मीरवाइज उमर फारूक की रिहाई का स्वागत किया

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मीरवाइज ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का एक हिस्सा भारत में है जबकि बाकी दो पाकिस्तान और चीन में हैं। इनका पूरी तरह से विलय करने से जम्मू-कश्मीर पूरा हो जाएगा, जैसा कि वह 14 अगस्त 1947 को था। मीरवाइज ने अपने संबोधन में यूक्रेन संघर्ष पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘यह युद्ध का युग नहीं है’, वाले बयान का जिक्र करते हुए कहा कि यह भावना कश्मीर के बारे में भी सच है। उन्होंने कहा कि बातचीत के जरिये ही मुद्दों का समाधान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हालांकि हमें इस रास्ते को अपनाने के चलते निजी तौर पर तकलीफें सहनी पड़ी हैं।

हम आपको एक बार फिर बता दें कि 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के मद्देनजर हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक को नजरबंद किया गया था और उन्हें चार साल बाद अब रिहा किया गया है।

दूसरी ओर, जामिया मस्जिद में अपने संदेश के दौरान पाकिस्तान के साथ बातचीत के बारे में मीरवाइज की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि अगर भारत जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति चाहता है तो उसे पाकिस्तान से बात करने की जरूरत है। मुफ्ती ने कहा कि उनका मानना है कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की है, भले ही वह कहती हो कि वह ऐसा नहीं करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘(एलओसी पर) संघर्ष विराम कैसे हुआ? यदि बातचीत नहीं हुई तो करतारपुर गलियारा कैसे खुला? वे अन्य मुद्दों पर पाकिस्तान से बात करते हैं, लेकिन जब जम्मू-कश्मीर की बात आती है, तो वे इसकी परवाह नहीं करते हैं, भले ही बिहार और अन्य स्थानों के गरीब प्रवासी मारे जा रहे हों।’’

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़