गृह मंत्रालय ने विदेश में फंसे हुए भारतीयों की वापसी के लिए मानक संचालन प्रोटोकॉल जारी किया
सरकार ने कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के कारण विदेश में फंसे भारतीयों की वापसी के लिए रविवार को मानक संचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) जारी किया और कहा कि इस सेवा के लिए उन्हें भुगतान करना होगा और गर्भवती महिलाओं के साथ ही उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।
नयी दिल्ली। सरकार ने कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के कारण विदेश में फंसे भारतीयों की वापसी के लिए रविवार को मानक संचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) जारी किया और कहा कि इस सेवा के लिए उन्हें भुगतान करना होगा और गर्भवती महिलाओं के साथ ही उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो परेशानी में हों या जिनकी नौकरी छूट गई हो। ऐसा ही एसओपी सरकार ने उन लोगों के लिए भी जारी किया है जो भारत में फंसे हैं और विदेश यात्रा की इच्छा रखते हैं।
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केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम एसओपी के मुताबिक जो लोग विदेश से भारत आना चाहते हैं उन्हें विदेश मंत्रालय द्वारा बताए गए आवश्यक विवरण के साथ उस देश में भारतीय मिशन में पंजीकरण कराना होगा।
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एसओपी में कहा गया कि प्राथमिकता बेहद परेशानी झेल रहे लोगों, प्रवासी कामगारों, मजदूरों जिनकी छंटनी कर दी गई हो, वीजा अवधि के समाप्त होने का सामना कर रहे अल्पकालिक वीजा धारकों, चिकित्सा आपातस्थिति का सामना कर रहे लोगों,गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, जिन्हें परिवार के किसी सदस्य की मौत की वजह से भारत आना हो और छात्रों को दी जाएगी। इसमें कहा गया कि यात्रा का खर्च यात्री को खुद उठाना होगा। एसओपी में कहा गया कि विदेश से आने वाले सभी लोगों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी पृथक-वास के दिशानिर्देश का पालन करना होगा।
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