मंत्री ने राजस्थान को विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा देने की मांग उठायी
कल्ला ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि विशाल क्षेत्रफल वाले राजस्थान में मरूस्थल और जनजाति बाहुल्य वाले क्षेत्रों के कारण राज्य में सेवा उपलब्ध कराने की लागत देश के अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत ज्यादा है।इन विषम भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए राजस्थान को विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा दिया जाए।
जयपुर| राजस्थान सरकार ने विशेष भौगोलिक परिस्थितियों व क्षेत्रफल को ध्यान में रखते हुए राजस्थान को विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की है।
ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित विशेष बैठक में यह मांग उठाई।
कल्ला ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि विशाल क्षेत्रफल वाले राजस्थान में मरूस्थल और जनजाति बाहुल्य वाले क्षेत्रों के कारण राज्य में सेवा उपलब्ध कराने की लागत देश के अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत ज्यादा है।इन विषम भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए राजस्थान को विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा दिया जाए।
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सीतारमण ने ग्रोथ, इंवेस्टमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से देश के राज्यों के मुख्यमंत्रियों, वित्त मंत्रियों व केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों से विशेष संवाद किया।
इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से डॉ. कल्ला ने राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्य का पक्ष रखा।
एक बयान के अनुसार, मंत्री ने कहा कि ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट, रतलाम-डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा नई रेल लाइन योजना तथा जैसलमेर-कांडला नई रेल परियोजना को शीघ्र मंजूरी देकर इनका 100 प्रतिशत खर्चा केन्द्र सरकार के स्तर से वहन करने का निर्णय शीघ्रता से लिया जाना चाहिये, इससे पूरे राजस्थान में निवेश का माहौल सुधरेगा।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में वर्तमान सरकार की निवेश अनुकूल नीतियों, देश में सर्वाधिक मात्रा में उपलब्ध सोलर रेडिएशन तथा खनिज सम्पदा की बदौलत राजस्थान देश के सबसे बड़े निवेश केंद्र के रूप में उभर रहा है। यहां जनवरी, 2022 में एक बड़ा निवेश सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा।
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डॉ. कल्ला ने केन्द्रीय वित्त मंत्री से जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि जून, 2022 से पांच वर्ष बढ़ाकर जून, 2027 तक करने एवं बकाया भुगतान को एकमुश्त शीघ्र जारी करने का भी आग्रह किया।
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