अनुच्छेद 370 पर न्यायालय से फैसले से पहले महबूबा को नजरबंद किया गया : पीडीपी

 Mehbooba Mufti
प्रतिरूप फोटो
ANI

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने पत्रकारों को नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के गुपकर स्थित आवास के पास एकत्र होने की अनुमति नहीं दी।

जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय सुनाने से पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को सोमवार को नजरबंद कर दिया गया। पीडीपी ने यह जानकारी दी।

पार्टी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘उच्चतम न्यायालय का फैसला सुनाए जाने से पहले ही पुलिस ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के आवास के दरवाजे सील कर दिए हैं और उन्हें अवैध तरीके से नजरबंद कर दिया है।’’

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने पत्रकारों को नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के गुपकर स्थित आवास के पास एकत्र होने की अनुमति नहीं दी।

गुपकर रोड के प्रवेश स्थानों पर पुलिस कर्मियों का एक दल तैनात किया गया है और पत्रकारों को नेकां नेताओं के आवास के आसपास जाने की अनुमति नहीं है। अक्टूबर 2020 में अपना आधिकारिक आवास खाली करने के बाद से उमर अब्दुल्ला अपने पिता के साथ रहते हैं। श्रीनगर से सांसद फारूक अब्दुल्ला मौजूदा संसद सत्र के लिए दिल्ली में हैं और उनका बेटा कश्मीर घाटी में है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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