सभी को महबूबा मुफ्ती और अन्य नजरबंद लोगों की रिहाई के लिए उठानी चाहिए आवाज: चिदंबरम
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि हम सभी को अपनी सामूहिक आवाज उठानी चाहिए और मांग करनी चाहिए कि महबूबा मुफ्ती को जल्द से जल्द रिहा किया जाए और उन नजरबंद लोगों भी छोड़ा जाए।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधान हटाए जाने का एक साल पूरा होने के मौके पर बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और नजरबंद किए गए अन्य लोगों की रिहाई की मांग के लिए सामूहिक आवाज उठनी चाहिए। गौरतलब है कि पिछले साल पांच अगस्त को सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटा दिए थे। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और मुख्यधारा के कई अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था। अब फारूक और उमर रिहा हो चुके हैं।
इसे भी पढ़ें: लौह पुरुष की जयंती के दिन दोनों केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आए थे
पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘आज 6 अगस्त है सभी राजनीतिक दल और सही सोच वाले नागरिक कृपया उस आभासी जेल के बारे में सोचें जिसमें 75 लाख कश्मीरी पिछले एक साल से रह रहे हैं।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘दुनिया भारत में मानवाधिकारों के हनन को देख रही है। एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश के रूप में भारत का गौरवपूर्ण रिकॉर्ड हर दिन कम होता जा रहा है।’’ चिदंबरम ने कहा कि हम सभी को अपनी सामूहिक आवाज उठानी चाहिए और मांग करनी चाहिए कि महबूबा मुफ्ती को जल्द से जल्द रिहा किया जाए और उन नजरबंद लोगों भी छोड़ा जाए जो संविधान के तहत इसके हकदार हैं।
आज 6 अगस्त है सभी राजनीतिक दल और सही सोच वाले नागरिक कृपया उस आभासी जेल के बारे में सोचें जिसमें 7.5 मिलियन कश्मीरी पिछले एक साल से रह रहे हैं?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 6, 2020
अन्य न्यूज़