मध्यप्रदेश के दो कांग्रेसी विधयकों की केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल से मुलाकात ने बढ़ाई सियासी हलचल
प्रदेश में काँग्रेस के पक्ष में हवा देखते हुए इन दोनों काँग्रेसी विधायकों के लिए प्रहलाद पटेल ने अंदरूनी तौर पर काँग्रेस से टिकिट दिलाने के लिए लॉबिंग की थी। जिसके लिए प्रहलाद पटेल ने अपने काँग्रेसी मित्रों से संबंधों का उपयोग किया था। कुल मिलाकर देखा जाए तो जिस तरह काँग्रेस पार्टी में अंदरूनी उठापटक चल रही है और कैबिनेट मंत्री तक सार्वजनिक मंचो से अफसरशाही के हावी होने का इल्जाम लगाते रहे है।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पिछले आठ महीने से सरकार की स्थिरता को लेकर मची सियासी हलचल के बीच कांग्रेस के दो विधायकों ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल से मुलाकात की है। बुंदेलखंड के दमोह और बंडा विधानसभा से कांग्रेस विधायकों ने यह मुलाकात की है। हालांकि मुलाकात की तस्वीर सामने आने के बाद इस मुलाकात को सौजन्य भेंट बताया जा रहा है। दमोह और बंडा विधानसभा से काँग्रेस के विधायक राहुल सिंह लोधी और सरवर सिंह लोधी ने केंद्रीय मंत्री से यह मुलाकात की है। दिल्ली में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के निवास पर हुई इस मुलाकात के दौरान प्रहलाद पटेल में दोनों काँग्रेसी विधायकों का सम्मान भी किया।
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इस मुलाकात की तस्वीरें सामने आने के बाद प्रदेश की सियासत में अचानक से हलचल पैदा हो गई है। क्योंकि लगातार भाजपा नेता प्रदेश की कमलनाथ सरकार को चुटकियों में गिरने के बयान देते रहे है। चाहे फिर वह पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हो या राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय। वही अभी कुछ ही दिनों पहले सदस्यता अभियान के एक कार्यक्रम में उज्जैन-आलोट सांसद अनिल फ़िरोजिया ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा था कि अगर कश्मीर से 370 हटा सकते है तो प्रदेश से कमलनाथ की सरकार हटाना कौन सी बड़ी बात है। जबकि बीते विधानसभा के बजट सत्र के आखरी दिन बीजेपी के दो विधायकों ने कमलनाथ सरकार के पक्ष में वोट किया था। जिसके बाद वह खुलकर काँग्रेस के मंच पर दिखे थे। जिससे इस घटना के बाद बीजेपी में बेचैनी बढ़ गई थी।
वही वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल से बुंदलेखंड क्षेत्र के इन दोनों काँग्रेसी विधयकों की मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे है। बताया जाता है कि लोकसभा चुनावों के दौरान इन दोनों काँग्रेसी विधायकों की प्रहलाद पटेल से क्षेत्र में नजदीकियों के चर्चे आम थे और प्रहलाद पटेल दमोह संसदीय सीट से प्रत्याशी थे। जो भारी मतों से जीत कर संसद पहुँचे। जिसके बाद उन्हें मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में शामिल कर लिया गया। सूत्रों की माने तो प्रदेश में काँग्रेस के पक्ष में हवा देखते हुए इन दोनों काँग्रेसी विधायकों के लिए प्रहलाद पटेल ने अंदरूनी तौर पर काँग्रेस से टिकिट दिलाने के लिए लॉबिंग की थी। जिसके लिए प्रहलाद पटेल ने अपने काँग्रेसी मित्रों से संबंधों का उपयोग किया था। कुल मिलाकर देखा जाए तो जिस तरह काँग्रेस पार्टी में अंदरूनी उठापटक चल रही है और कैबिनेट मंत्री तक सार्वजनिक मंचो से अफसरशाही के हावी होने का इल्जाम लगाते रहे है।
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वही विधायकों की सुनवाई दूर की बात है। तो दमोह जिले की पथरिया विधानसभा से बीएसपी विधायक रामबाई को मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा तबज्जो देना और काँग्रेस कार्यकर्ताओं के ऊपर बीएसपी विधायक के पति और परिजनों द्वारा हमले के बाद भी संरक्षण देने से क्षेत्र के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को यह रास नहीं आ रहा है। जिसे भी एक वजह बताया जा रहा है। जबकि प्रदेश की इसी सियासी उठा पटक के बीच केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल से काँग्रेस के इन दोनों विधयकों की मुलाकात चर्चा का विषय बन गई है।हालांकि यह भी कहा जा रहा कि मध्यप्रदेश की दमोह संसदीय सीट से चूंकि प्रहलाद पटेल सांसद है इसलिए इसे सौजन्य और क्षेत्र के विकास के लिए विधायको द्वारा की जाने वाली मुलाकात माना जाए। लेकिन प्रदेश में भाजपा द्वारा काँग्रेस की कमलनाथ सरकार को हमेशा अल्पमत वाली सरकार बताया जाता रहा है, उस मायने में काँग्रेसी विधयकों की यह मुलाकात कहीं न कहीं राजनीतिक संदेह पैदा करती है।
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