UP में भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक 18 मार्च को
उत्तर प्रदेश में भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक 18 मार्च को होगी और इसमें पार्टी के विधायक दल का नेता चुने जाने की उम्मीद है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री ने यह जानकारी दी।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक 18 मार्च को होगी और इसमें पार्टी के विधायक दल का नेता चुने जाने की उम्मीद है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने कहा, ‘‘पार्टी के केन्द्रीय पर्यवेक्षकों केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू और राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव शनिवार को शाम पांच बजे होने वाली इस बैठक में मौजूद रहेंगे।’’ यह पूछने पर कि क्या भाजपा विधायक दल के नेता का चुनाव होगा और अगले मुख्यमंत्री का पदभार किसके ग्रहण करने की संभावना है, पाठक ने कहा, ‘‘मैं नहीं कह सकता।’’
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को उत्तर प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री के बारे में अभी फैसला लेना है। कुल 403 सदस्यीय विधानसभा के चुनावों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने रिकार्ड 325 सीटें जीती हैं। इस बीच सूत्रों ने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के मामले में पार्टी कोई गलत फैसला नहीं लेना चाहती। उत्तर प्रदेश से लोकसभा के लिए 80 सदस्य चुने जाते हैं। विधानसभा चुनावों की जबर्दस्त जीत से आम जनता की उम्मीदें बहुत ज्यादा हैं, जिन्हें पूरा करना चुनौती होगी। इससे पहले पार्टी के केन्द्रीय पर्यवेक्षकों को 15 मार्च को लखनउ पहुंचना था और नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक 16 मार्च को प्रस्तावित थी लेकिन अंतिम समय में इसे टाल दिया गया।
उत्तर प्रदेश में भावी मुख्यमंत्री को लेकर ‘सस्पेंस’ बरकरार है। कई विधायक आलाकमान से बातचीत के लिए दिल्ली गये। जातीय समीकरण भी हैं, जिनकी मदद से भाजपा को प्रचंड जीत मिली। पार्टी को यह भी पता है कि जिस तरह से सवर्ण जातियों और गैर यादव ओबीसी ने भाजपा को बंपर वोट दिये, वह जातीय संतुलन नहीं बिगाड़ना चाहेगी। ऐसी चर्चाएं भी हैं कि एक समुदाय का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा और संतुलन बनाये रखने के लिए अन्य समुदाय से उप मुख्यमंत्री बनेगा। पार्टी निश्चित तौर पर किसी ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहेगी जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास के एजेंडे को आगे बढा सके और सपा शासनकाल में बदतर हुई कानून व्यवस्था को दुरूस्त कर सके। मुख्यमंत्री पद के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय मंत्री मनोज सिन्हा और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के नाम आगे चल रहे हैं। राजनाथ सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अनुभवी और बड़े कद के नेता हैं। सिन्हा का भी प्रशासनिक अनुभव अच्छा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से मजबूत रिश्ते रखने वाले केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा का नाम भी संभावितों की श्रेणी में है। मौर्य कह चुके हैं कि दो चार दिन में तस्वीर साफ हो जाएगी।
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