पेगासस मामले पर बोलीं मायावती, केंद्र की चुप्पी और भी नए सवाल खड़ी करती है
पिछले साल कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों के एक संगठन ने दावा किया था कि कई भारतीय नेताओं, मंत्रियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कारोबारियों और पत्रकारों के खिलाफ पेगासस का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया है।
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मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘साथ ही, पेगासस के नए तथ्यों पर पूर्व सेना प्रमुख और केंद्रीय मंत्री की ’सुपारी मीडिया’ जैसी टिप्पणी अति-अशोभनीय है, जो सरकार की संकीर्ण सोच को प्रमाणित करती है। पेगासस मामले में भारत का नाम मेक्सिको, पोलैंड, हंगरी आदि देशों के शासकों की श्रेणी में आना भी कम चिंता की बात नहीं है।’’ उल्लेखनीय है कि अमेरिकी समाचार पत्र न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत ने 2017 में इजराइल के साथ दो अरब डॉलर के रक्षा सौदे के हिस्से के रूप में पेगासस स्पाइवेयर खरीदा था, जिसके बाद शनिवार को एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया और विपक्ष ने सरकार पर अवैध जासूसी में शामिल रहने का आरोप लगाया और इसे ‘देशद्रोह’ करार दिया है।
पिछले साल कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों के एक संगठन ने दावा किया था कि कई भारतीय नेताओं, मंत्रियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कारोबारियों और पत्रकारों के खिलाफ पेगासस का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया है।1. पेगासस जासूसी काण्ड का भूत केन्द्र सरकार व भाजपा की नींद लगातार उड़ाए हुए है। इस अति-गंभीर मामले में नित्य नए खुलासे हो रहे हैं, फिर भी देश व जनता के प्रति जवाबदेह व जिम्मेदार होकर विश्वसनीय जवाब देने के बजाय केन्द्र की चुप्पी और भी नए सवाल खड़ी करती है। सरकार खुलासा करे।
— Mayawati (@Mayawati) January 30, 2022
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