विदेशी कंपनियों का इंतजार करने के बजाय अपने बूते आत्मनिर्भर बनने की कोशिश करे सरकार : मायावती
मायावती ने कहा, एमओयू केवल जनता को बरगलाने और फोटो भर के लिए न हो तो बेहतर है, क्योंकि लाखों श्रमिकों को जीने के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार की प्रतीक्षा है। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गत 29 मई को इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन विक्की लघु उद्योग भारती और नारडेको के साथ एमओयू पर दस्तखत किए थे।
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने देश में मूलभूत ढांचे की कमी बताते हुए केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों को चीन छोड़कर जा रही कंपनियों का इंतजार करने के बजाय अपने बूते आत्मनिर्भर बनने की सलाह दी है। मायावती ने रविवार को एक के बाद एक किए गए ट्वीट में कहा, चीन छोड़कर भारत आने वाली कम्पनियों की प्रतीक्षा के बजाय केन्द्र और यूपी सरकार को अपने बूते आत्मनिर्भर बनने का प्रयास शुरू करना चाहिए, क्योंकि शेनजेन आर्थिक क्षेत्र जैसी सड़क, पानी, बिजली आदि की मुफ्त आधारभूत सुविधा और श्रमिकों को कार्यस्थल के पास रहने की व्यवस्था आदि यहां कहां हैं?
1.चीन छोड़कर भारत आने वाली कम्पनियों की प्रतीक्षा के बजाए केन्द्र व यूपी सरकार को अपने बूते आत्मनिर्भर बनने का प्रयास शुरू करना चाहिए क्योंकि शेनजेन इकोनोमिक जोन जैसी सड़क, पानी, बिजली आदि की फ्री आधारभूत सुविधा व श्रमिकों को कार्यस्थल के पास रहने की व्यवस्था आदि यहाँ कहाँ है।1/4
— Mayawati (@Mayawati) May 31, 2020
उन्होंने कहा, “लेकिन शेनजेन विशेष आर्थिक क्षेत्र जैसी सुविधायें भारतीय उद्यमियों को देकर उनका सदुपयोग उत्कृष्ट वस्तुओं के उत्पादन के लिए सुनिश्चित किया जाए तो बर्बाद हुए छोटे एवं मंझोले उद्योग, पीड़ित श्रमिक वर्ग का कल्याण तथा भारत को सही मायने में आत्मनिर्भर बनाना थोड़ा आसान जरूर हो जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी और बदहाली में घर लौटे लाखों श्रमिकों को जरूरी मदद पहुंचाने के बजाय उत्तर प्रदेश में एमओयू हस्ताक्षर और घोषणाओं के जरिए छलावा अभियान एक बार फिर शुरू हो गया है। जनहित के ठोस उपायों के बिना समस्या और विकराल हो जाएगी। उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार पर तंज करते हुए कहा कि अच्छा होता सरकार नये समझौता ज्ञापन और फोटो छपवाने से पहले यह बताती कि पिछले कुछ वर्षों में इसी प्रकार के अनेक एमओयू जिनपर हस्ताक्षर किए गए उनका क्या हुआ।
मायावती ने कहा, “ एमओयू केवल जनता को बरगलाने और फोटो भर के लिए न हो तो बेहतर है, क्योंकि लाखों श्रमिकों को जीने के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार की प्रतीक्षा है। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गत 29 मई को इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन विक्की लघु उद्योग भारती और नारडेको के साथ एमओयू पर दस्तखत किए थे। सरकार का दावा है कि इसके जरिए प्रदेश के 11 लाख श्रमिकों और कामगारों को रोजगार मिलेगा।
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