दो बसपा नेताओं पर मायावती का एक्शन, लालजी वर्मा और राम अचल राजभर को पार्टी से निकाला

Mayawati
अंकित सिंह । Jun 3 2021 8:27PM

बसपा द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक अंबेडकर नगर की कटेहरी सीट से विधायक लालजी वर्मा और अंबेडकर नगर के ही अकबरपुर क्षेत्र से पार्टी विधायक और बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर को हाल में संपन्न पंचायत चुनावों के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में तत्काल प्रभाव से बसपा से निष्कासित कर दिया गया है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने है। चुनावों को देखते हुए मायावती ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी हैं। अपनी पार्टी बहुजन समाज पार्टी को मजबूत करने के लिए वह लगातार नए तरह की रणनीति अपना रही हैं। इन सबके बीच मायावती ने अपने पार्टी के दो प्रमुख नेताओं को निष्कासित कर दिया है। यह नेता हैं लालजी वर्मा और उत्तर प्रदेश के पूर्व बसपा अध्यक्ष राम अचल राजभर। इन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा है। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि वर्मा और राजभर दोनों ही समाजवादी पार्टी के नेताओं के संपर्क में थे।

लालजी वर्मा अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट से विधायक है,वहीं राजभर अंबेडकर नगर के ही अकबरपुर क्षेत्र से पार्टी विधायक हैं। बसपा द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक अंबेडकर नगर की कटेहरी सीट से विधायक लालजी वर्मा और अंबेडकर नगर के ही अकबरपुर क्षेत्र से पार्टी विधायक और बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर को हाल में संपन्न पंचायत चुनावों के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में तत्काल प्रभाव से बसपा से निष्कासित कर दिया गया है। बयान के मुताबिक लालजी वर्मा की जगह अब आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से बसपा विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली विधानसभा में बसपा के नेता होंगे।

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पार्टी के इन बडे़ नेताओं के निष्काषन पर बड़े नेता टिप्पणी करते से बचते नजर आए। एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, केवल बहन जी (मायावीत)ही इन दोनों नेताओं के निकाले जाने की वजह जानती हैं। दोनों पार्टी के पुराने और कद्दावर नेता हैं, अब निकाले जाने की क्या वजह है, नहीं मालूम। पार्टी से निकाले जाने के बाद वर्मा ने से विशेष बातचीत में कहा,‘‘ मुझे खुद नहीं समझ में आ रहा है कि मुझे पार्टी से क्यों निकाला गया हैं? जिला पंचायत के चुनाव के दौरान में कोरोना से पीड़ित होकर राजधानी के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में 14 दिन भर्ती था और अपना इलाज करा रहा था, मुझे आक्सीजन दी जा रही थी। इलाज के दौरान बहन जी ने मुझे फोन कर मेरा हाल चाल लिया और आराम करने की सलाह दी। बीमार होने के कारण ही पंचायत चुनाव में पार्टी के लिये काम नहीं कर पाया। उनसे जब पूछा गया कि क्या बसपा से निकाले जाने के बाद वह किसी अन्य पार्टी में जायेंगे क्योंकि ऐसी चर्चा है कि वह समाजवादी पार्टी के संपर्क में हैं? 

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इस पर वर्मा ने जवाब दिया, ‘‘ समाजवादी पार्टी या किसी अन्य राजनीतिक दल में जाने का कोई विचार ही नहीं। मैं बहुजन समाज पार्टी का एक वफादार सिपाही हूं और हमेशा पार्टी के लिये ही काम करूंगा। इससे पहले कई बार कई दलों ने मुझे बुलाने की कोशिश की, लेकिन मैं नहीं गया तो अब क्या जाऊंगा, किसी अन्य पार्टी में जाने के बारे में कभी सोचा ही नही हैं। उनसे पूछा गया कि अब बसपा से निकाले जाने के बाद उनका अगला कदम क्या होगा? इस पर वर्मा ने कहा,‘‘ मैं बहन जी से मिलने की कोशिश कर रहा हूं ताकि उनकी गलतफहमी दूर की जा सके। बहन जी से मिलकर उन्हें बताऊंगा कि बीमार होने के कारण मैं पंचायत चुनाव में सक्रिया भागीदारी नहीं निभा सका। वैसे यह बात उन्हें मालूम हैं। बसपा से निकाले गये राम अचल राजभर से जब बात की गयी तो उन्होंने कहा कि मुझे निकाले जाने की वजह के बारे में कोई जानकारी नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इस बारे में तभी कुछ बता सकता हूं जब मुझे कुछ मालूम होगा।’’ राजभर ने कहा, ‘‘मैं पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता हूं और हमेशा पार्टी के वफादार सिपाही की तरह रहूंगा। मैं बहन जी को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाने के लिये पार्टी में कार्य करता रहूंगा।  

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